सत्यपाल सिंह राजपूत. रायपुर.  देश में लगभग 80 हजार डॉक्टरों की कमी हो गई है. इसके पीछे की वजह सत्र पिछड़ने एवं नीट की काउंसलिंग में देरी बताई जा रही है. अब इस कमी को लेकर  जूनियर डॉक्टरों एवं आईएमए ने ट्विटर अभियान छेड़ा है.

 छत्तीसगढ़ के जूडो संरक्षक डॉक्टर राकेश गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराय उसके पहले केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि डेढ़ साल सत्र पिछड़ने के कारण जूनियर डॉक्टरों की कमी हुई है.

पिछले 2 वर्षों में संक्रमण काल के कारण देश के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में 2018 स्नातकोत्तर छात्रों की परीक्षा उपरांत ड्यूटी से छुट्टी दिए जाने 2019 तक उत्तर छात्रों की परीक्षा निकट आने के कारण 2021 नीट स्टाफ उत्तर छात्रों में सुख सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अभाव और देरी के कारण देश भर में 80000 स्नातकोत्तर छात्रों की कमी हो गई आज पूरे देश में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन और राज्यों के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने एक टि्वटर ट्रेंड लगाकर प्रदेश केंद्र और सुप्रीम कोर्ट का ध्यान आकर्षण करने की कोशिश की उन्होंने एक विस्तृत घटनाक्रम में बताया है कि नीट पीजी काउंसलिंग 2021 में स्नातकोत्तर छात्रों का दाखिला न होने के कारण पूरे देश में मेडिकल कॉलेजों के 80000 जूनियर डॉक्टरों की कमी हो गई है.

कोर्ट के आदेश के बग़ैर संभव नहीं

नीट पीजी काउंसलिंग में केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट में फास्ट ट्रैक निर्णय दिए जाने की विनती करते हुए जूनियर डॉक्टर ने कहा है कि सारे विचाराधीन शेष मामले को एक कोर्ट में निर्णय करने की जरूरत है और जब तक भर्ती प्रक्रिया नहीं शुरू हो जाती तब तक नॉन अकैडमी जूनियर डॉक्टर्स को रोजाना के कामकाज में आपात स्थिति पर भर्ती किए जाने की जरूरत है.

नीट काउंसलिंग मांग

सभी जूनियर डॉक्टर ने नीट काउंसलिंग को जल्द से जल्द शुरू किए जाने की मांग करते हुए नेशनल मेडिकल कमिशन प्रधानमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, सुप्रीम कोर्ट, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और प्रदेश के छत्तीसगढ़ मेडिकल एसोसिएशन डॉक्टर महेश सिन्हा को संबोधित करते हुए आग्रह किया है कि इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण कराने में सहयोग करें.