नई दिल्ली। नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह केन्द्र की मोदी सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने नोटबंदी को संगठित लूट और जीएसटी को  टैक्स टेररिज्म करार दिया है. कल 8 नवंबर को 1 नोटबंदी के 1 साल पूरा हो रहे हैं, जिसके अवसर पर आज पूर्व पीएम और विख्यात अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने प्रेसवार्ता लेकर मोदी सरकार के फैसलों पर कड़ी टिप्पणी करते हुए सवालिया निशान लगाया है. उन्होंने नोटबंदी को मोदी सरकार की सबसे बड़ी भूल बताया है.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अहमदाबाद में कहा कि 8 नवंबर भारत के लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन है. दुनिया में किसी भी देश ने ऐसा फैसला नहीं लिया जिसमें 86 फीसदी करेंसी को एक साथ वापस ले लिया हो. मनमोहन सिंह ने कहा कि कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए नोटबंदी का फैसला काफी गलत था. पूर्व पीएम ने कहा कि जो मैंने संसद में कहा था वही आज भी कहूंगा कि नोटबंदी होने के कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं. यह कारोबारियों पर एक टेक्स टेररिज्म की तरह लागू हुआ है. मनमोहन सिंह बोले कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को दोहरा झटका लगा, इसकी वजह से छोटे कारोबारियों की कमर टूट गई.

मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह स्वीकार करना चाहिए कि नोटबंदी का फैसला एक बहुत बड़ी गलती थी और उन्हें अपनी गलती मान कर अर्थव्यवस्था को सुधारने का काम करना चाहिए.

मनमोहन सिंह ने कहा कि ‘इसका (नोटबंदी का) तुरंत असर नौकरियों पर पड़ा है. हमारे देश की तीन चौथाई गैर-कृषि रोजगार छोटे और मझोले उद्यमों के क्षेत्र में हैं. नोटबंदी से इस क्षेत्र को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. इसलिए नौकरियां चली गईं और नई नौकरियां पैदा नहीं हो रही हैं.’
आपको बता दें कि 8 नवंबर को नोटबंदी की पहली सालगिरह है. इस मौके पर पूरे देश में विपक्ष कालाधन दिवस मनाएगा और सरकार के इस फैसले का विरोध करेगा. तो वहीं दूसरी तरफ सरकार की ओर से भी एंटी ब्लैक मनी डे मनाने की तैयारी है.