8th Pay Commission 2026: सरकारी कर्मचारियों के लिए साल 2026 एक क्रांतिकारी मोड़ साबित हो सकता है. 1 जनवरी 2026 से केंद्र सरकार आठवां वेतन आयोग लागू कर सकती है, जिससे करीब 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स की सैलरी में 30% से 34% तक की संभावित बढ़ोतरी हो सकती है.
ब्रोकरेज फर्म Ambit Capital की रिपोर्ट के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर वर्तमान 1.83 से बढ़कर 2.46 तक हो सकता है. इसका मतलब है कि अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी अभी 18000 रुपये है, तो वह बढ़कर 24840 रुपये तक जा सकती है. और यह केवल बेसिक पे है — इसके ऊपर DA, HRA और अन्य भत्ते भी जुड़ते हैं.
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क्या होता है फिटमेंट फैक्टर और इसका असर? (8th Pay Commission 2026)
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक होता है जिससे बेसिक सैलरी को गुणा किया जाता है ताकि नया वेतन तय किया जा सके.
- 7वें वेतन आयोग में: फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे 7000 रुपये की बेसिक सीधे 18000 रुपये हो गई थी.
- 8वें वेतन आयोग में: अनुमान है कि फैक्टर 2.46 होगा, जिससे 18000 रुपये की सैलरी 24840 रुपये तक पहुंच सकती है.
क्यों हो रही है इतनी चर्चा? (8th Pay Commission 2026)
- मुद्रास्फीति और जीवन-यापन की लागत में भारी वृद्धि हुई है.
- सरकारी कर्मचारियों का दबाव: लंबे समय से वेतन संशोधन की मांग की जा रही है.
- राजनीतिक दृष्टिकोण: 2026 के बजट से पहले सरकार एक बड़ा वेलफेयर सिग्नल देना चाहती है.
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वेतन आयोग की स्थिति: अब तक क्या हुआ? (8th Pay Commission 2026)
- 16 जनवरी 2025 को कैबिनेट ने आयोग के गठन को मंजूरी दी थी.
- अब तक चेयरमैन और सदस्यों की घोषणा नहीं हुई है.
- रेफरेंस ऑफ टर्म्स (ToR) — यानी किन मुद्दों पर समीक्षा होगी — का विवरण भी लंबित है.
- अनुमान है कि कमेटी का गठन सितंबर 2025 तक टल सकता है.
लेवल मर्जिंग: कम वेतन वालों को सबसे ज़्यादा फायदा? (8th Pay Commission 2026)
- स्टाफ यूनियनों और वकीलों की ओर से सुझाव दिया गया है कि
- लेवल-1 को लेवल-2 में मर्ज किया जाए
- लेवल-3 को लेवल-4 में,
- और लेवल-5 को लेवल-6 में जोड़ा जाए.
इससे कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा.
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उदाहरण:
- लेवल-1 की मौजूदा बेसिक: 18000 रुपये
- मर्जिंग के बाद: नई शुरुआत 19900 रुपये या अधिक हो सकती है.
सिर्फ सैलरी नहीं, भत्तों और पेंशन में भी बदलाव संभव (8th Pay Commission 2026)
- मेडिकल बेनिफिट्स: 7वें वेतन आयोग में हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम जोड़ी गई थी.
- 8वें वेतन आयोग में इसके और अधिक सुदृढ़ होने की संभावना है.
- पेंशन: 7वें आयोग में न्यूनतम पेंशन 3500 से बढ़कर 9000 रुपये हुई थी.
- अब फिर से 30% से अधिक की बढ़ोतरी संभव मानी जा रही है.
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क्यों जरूरी है वेतन आयोग? (8th Pay Commission 2026)
हर 10 साल में सरकार वेतन आयोग गठित करती है ताकि सैलरी ढांचे को आर्थिक हालात और महंगाई के अनुसार अद्यतन किया जा सके. यह आयोग वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के अधीन कार्य करता है.
कर्मचारी संगठनों की प्रमुख मांगें
- पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया जाए.
- महंगाई भत्ता (DA) को बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाए.
- प्रमोशन प्रक्रिया को सरल और समयबद्ध किया जाए.
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क्या हो सकती हैं चुनौतियां? (8th Pay Commission 2026)
- राजकोषीय दबाव: सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी से सरकारी खर्च में भारी इजाफा होगा.
- राज्यों पर असर: केंद्र सरकार का निर्णय अक्सर राज्यों पर भी लागू होता है, खासकर PSU और बैंक सेक्टर में.
क्या आप तैयार हैं बदलाव के लिए?
अगर आप केंद्रीय कर्मचारी या पेंशनर हैं, तो 2026 आपके लिए एक आर्थिक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है.
जहां एक ओर सैलरी बढ़ने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से देरी और अस्पष्टता कुछ चिंता भी पैदा कर रही है.
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