रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कैबिनेट में 10 मंत्रियों में से मंगलवार यानी आज 9 मंत्री शपथ लेने जा रहे हैं. मंत्री का एक पद फिलहाल खाली रखने के संकेत हैं. रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर, शिव डहरिया, रुद्र गुरु, उमेश पटेल, कवासी लखमा, प्रेमसाय सिंह टेकाम, जयसिंह अग्रवाल, और अनिला भेड़िया का मंत्री बनना तय हो गया है. शपथ समारोह पुलिस परेड ग्राउंड में सुबह 11 बजे होगा. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल इन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व मंत्री ताम्रध्वज साहू सोमवार देर रात राजभवन पंहुचे और वहां राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें मंत्रियों की सूची सौंपी. इससे पहले तक मंत्रियों के नामों को लेकर अटकलों का दौर चल रहा था, लेकिन आधी रात को तस्वीर साफ हो गई. मंत्री पद के लिए कई नेता प्रबल दावेदार थे, लेकिन इन्हें मौका नहीं मिला है.
मंत्रियों की सूची आने के बाद ये साफ हो गया है कि मंत्री पद की दौड़ में शामिल कई नेताओं को मौका नहीं मिल पाया है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि कांग्रेस के 68 विधायक जीतकर आए हैं. इनमें से पहली बार वालों के लिए साफ कर दिया गया कि उन्हें मंत्री नहीं बनाया जाएगा. लेकिन कांग्रेस विधायकों में ऐसे नेता भी हो जो अविभाजित मध्यप्रदेश सरकार में और वर्ष 2000 में बनी कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं. कई विधायक ऐसे हैं जो तीन से लेकर छह, सात बार भी चुनाव जीते हैं.
यही कारण है कि पार्टी को यह तय करना मुश्किल हो रहा था कि किसे शामिल किया जाए किसे छोड़ा जाए. मंत्री के चयन के दौरान संभागवार समीकरण, क्षेत्रीय समीकरण, जातीय समीकरण, मंत्री के रूप में बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता जैसे कई पैमाने पर नामों का परीक्षण किया गया है.
कांग्रेस में पहली बार ये भी देखने में आया कि मंत्रियों की सूची शपथ ग्रहण के अंतिम कुछ घंटो तक भी जारी नहीं की गई. गोपनीयता का आलम रहा कि संभावित दावेदार सोमवार सुबह से देर रात तक इस सूचना के इंतजार में एक-एक पल गिनते रहे कि कब उनके लिए संदेश का फोन आए.
इसलिए चुने ये चेहरे, 6 विधायक पहली बार बनेंगे मंत्री
- रविंद्र चौबे : वरिष्ठ मंत्री और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे हैं, ब्राह्मण वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं.
- अनिला भेड़िया: दूसरी बार विधायक, महिला और आदिवासी वर्ग की शर्त पूरी करती हैं.
- प्रेमसाय सिंह टेकाम: सरगुजा का प्रतिनिधित्व करते हैं, पूर्व में मंत्री रहे.
- मो. अकबर: जोगी सरकार में मंत्री रहे, एकमात्र अल्पसंख्यक नेता, सर्वाधिक वोटों से जीत का रिकॉर्ड.
- शिव डहरिया: कार्यकारी अध्यक्ष, सतनामी समाज के नेता, सीट बदलकर आरंग से जीते.
- उमेश पटेल: दूसरी बार के विधायक, स्व. नंदकुमार पटेल के बेटे, ओपी चौधरी को हराया.
- कवासी लखमा: बस्तर से आदिवासी प्रतिनिधित्व, चार बार के विधायक.
- रुद्र गुरु: समाज के गुरु परिवार से ताल्लुक, दूसरी बार के विधायक.
- जयसिंह अग्रवाल: तीसरी बार के विधायक, कोरबा जिले का प्रतिनिधित्व पूरा करेंगे.