भोपाल। माघ मास की अमावस्या जिसे मौनी अमावस्या कहा जाता है, वो इस साल 9 फरवरी को है। यह एक महाव्रत है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन पवित्र नदियों, संगम में देवताओं का निवास होता है, इसलिए इस दिन स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। मध्य प्रदेश में भी इस दिन सुबह से ही की घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। पवित्र नदियों में डुबकी लगा कर पूजा अर्चना करते हैं।
कब मनाई जाएगी मौनी अमावस्या
हिंदू पंचांग के मुताबिक, मौनी अमावस्या तिथि का आरंभ 9 फरवरी 2024 को सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर होगा। जो की यह 10 फरवरी को सुबह 4 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। इसलिए मौनी अमावस्या का स्नान और दान करने का सही दिन 9 फरवरी है।
पवित्र नदियों में लगाई जाती है डुबकी
इसके साथ ही माघ अमावस्या के दिन स्नान-दान करने के साथ ही मौन व्रत भी रखने का खास महत्व होता है। इस दिन मौन रहकर जप, तप, साधना और पूजा-पाठ किए जाते हैं। हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या, माघ अमावस्या या फिर मौनी अमावस्या कहलाती है। मान्यताओं की माने तो इस दिन मनुष्य को मौन रहते हुए नर्मदा, गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान करना चाहिए।
मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है। कहा जाता है कि इस दिन मौन रहकर व्रत करने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन सृष्टि के संचालक मनु का जन्म हुआ था। ये भी एक कारण है इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है।
क्या है मौनी अमावस्या का महत्व
शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के संगम में स्नान या फिर पवित्र नदियों में डुबकी लगाने का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन देव और पितरों का संगम होता है। बताया जाता है कि इस दिन किया गया जप, तप, ध्यान, स्नान, दान और हवन कई गुना फल देता है। शास्त्रों के मुताबिक मौनी अमावस्या के दिन खुद को मौन रखना, गंगा स्नान करना और दान देने से मनुष्य को विशेष फल की प्राप्ति होती है।
एमपी में नर्मदा नदी में श्रद्धालु करेंगे स्नान
इस दिन नर्मदापुरम में मां नर्मदा नदी में स्नान करने के लिए सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। यहां भक्त दूर दूर से आते हैं। इसके साथ जबलपुर में नर्मदा के गौरी घाट पर श्रद्धालुओं सुबह 5 बजे से ही पहुंच कर पूजा पाठ शुरू कर देते है। इसके अलावा उज्जैन में क्षिप्रा नदी, नर्मदापुरम, सीहोर, बड़वानी समेत कई जिलों में लोग मां नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाएंगे।
वहीं हिंदू धर्म में गंगा स्नान का विषेश महत्व होता है। माघ महीने में गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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