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रायपुर. छत्तीसगढ़ में एडवेंचर और समावेशन को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को 9 प्रतिभागियों ने सफलतापूर्वक चढ़ाई की है. ‘अपने पैरों पर खड़े हैं’ मिशन के तहत अलग-अलग तरह के विकलांगता, जेंडर, उम्र और कम्युनिटी के लोगों ने साथ में ट्रेकिंग की. 10 दिन की कठिन चढ़ाई के बाद मंगलवार को सभी प्रतिभागी चढ़ाई कर लिया. वहीं सभी प्रतिभागियों ने एवरेस्ट बेस कैंप से राजकीय गीत अरपा पैरी के धार का गायन भी किया.
राज्य के ब्लेड रनर, ‘हाफ ह्यूमन रोबो’ के नाम से जाने जाने वाले चित्रसेन साहू सहित एवरेस्ट बेस कैंप ट्रेक नेपाल की 5364 मीटर की चढ़ाई पर कुल 9 प्रतिभागियों ने एक साथ फतह किया.
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सीएम का जताया आभार
बता दें कि ये मिशन छत्तीसगढ़ शासन समाज कल्याण विभाग के सहयोग से संचालित किया जा रहा है. इस मिशन में बालोद कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने भी सहयोग किया है. वहीं प्रतिभागियों ने इस मिशन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को विशेष धन्यवाद दिया है.
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इन प्रतिभागियों ने की चढ़ाई
- चित्रसेन साहू जो कि पर्वतारोही माउंट किलिमनजारो, एलब्रुस और कोस्सियस्को फतह एवम स्विमिंग/व्हीलचेयर बास्केटबॉल पैरा खिलाड़ी हैं. इनके दोनों पैर कृत्रिम हैं. उन्होंने विकलांगता से बिना हार माने पर्वत पर चढ़ाई की है.
- चंचल सोनी : ये व्हील चेयर बास्केटबॉल खिलाड़ी, वन लेग डांसर हैं. वे पर्वतारोहण कर विश्व की सबसे कम उम्र की amputee climber बनी हैं.
- रजनी जोशी : ये पैरा जूडो खिलाड़ी हैं. low vision की विकलांगता होते हुए भी उन्होंने सफलतापूर्वक चढ़ाई की.
- अनवर अली : ये ब्लेड रनर हैं. जिन्होंने 60 से ज्यादा बार ब्लड डोनेट किया है. इन्होंने दुर्घटना में अपना एक पैर खो दिया था. इन्होंने अपने कृत्रिम पैरों से ही चढ़ाई की. अनवर ने ईद के दिन यह मुकाम हासिल किया और एवरेस्ट बेस कैंप में नमाज अता की.
- निक्की बजाज : ये पर्वतारोही के साथ-साथ हेयर स्टाइलिस्ट और मेकअप आर्टिस्ट हैं. वे छत्तीसगढ़ की पहली ट्रांसजेंडर पर्वतारोही हैं. जिसने एवरेस्ट बेस कैंप फतह किया. इससे पहले उन्होंने फ्रेंडशिप पीक फतह किया था.
- गुंजन सिन्हा (सनी) : ये डिजिटल मार्केटर और फिल्म मेकर हैं. इस पर्वतारोहण अभियान में सफलतापूर्वक चढ़ाई के साथ उन्होंने मिशन की डॉक्यूमेंट्री शूट की. जो बहुत जल्द रिलीज होगी.
- पेमेंन्द्र चंद्राकर : ये ट्रेकर, माउंटेन और फोटोग्राफर हैं. एवरेस्ट बेस कैंप की सफलतापूर्वक चढ़ाई के साथ उन्होंने मिशन के लिए फोटोग्राफी भी की.
- राघवेंद्र चंद्राकर (आशु) : ये एक व्यवसायी और ट्रैवलर हैं. जिन्होंने सफलतापूर्वक चढ़ाई की है.
- आशुतोष पांडेय : ये शासकीय सेवक, ट्रेकर, रनर और साइक्लिस्ट हैं. इन्होंने भी सफलता पूर्वक पर्वत पर चढ़ाई की.
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ये है मिशन का उद्देश्य
इस मिशन का उद्देश्य सशक्तिकरण और जागरूकता है. जो लोग जन्म से या किसी दुर्घटना के बाद अपने किसी शरीर के हिस्से को गवां बैठते हैं उन्हें सामाजिक स्वीकृति दिलाना है. ताकि उन्हें समानता मिल सके. इसका मकसद विविधता और समावेशन के साथ एडवेंचर स्पोर्ट्स को प्रोत्साहित करना है. विश्व में ऐसे समूह द्वारा पहली बार पर्वतारोहण कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है.
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