भोपाल। 90 Degree Bridge In Bhopal: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 8 सालों के लंबे इंतजार और 18 करोड़ खर्च कर एक ओवरब्रिज बनाया गया। लेकिन जनता को मिला क्या- 90 डिग्री वाला पुल। जैसे ही इसकी तस्वीर सामने आई, प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया भर में फजीहत होने लगी। सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई। लोगों ने इसे नायाब नमूना बताते हुए बनाने वाले इंजीनियरों से लेकर स्थानीय विधायक और मंत्री पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। हालात ऐसे हैं कि उद्घाटन से पहले ही यह ब्रिज अब विवादों में घिर गया है। वहीं कांग्रेस ने इस मामले पर अब मंत्री विश्वास सारंग को घेरा है। 

‘विश्वास सारंग की देखरेख में बना नायाब नमूना’

मध्य प्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने मंत्री विश्वास सारंग पर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही इस ब्रिज को घोटाले के सेतु बताया। उन्होंने यह भी कहा कि 90 डिग्री वाला यह ब्रिज मंत्री कैलाश विश्वास सारंग की देखरेख में हुआ है। 

सिंघार बोले- भ्रष्टाचार के समीकरण और समकोण का अद्वितीय स्मारक

उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने कहा, “भोपाल में बना भ्रष्टाचार के समीकरण और समकोण का अद्वितीय स्मारक।भोपाल में ऐशबाग स्टेडियम के पास बना 90 डिग्री वाला ओवरब्रिज केवल पुल नहीं बल्कि घोटालों का सेतु है।”

मंत्री विश्वास सारंग की ‘विशेष देख-रेख’ में बना ‘नायाब नमूना’: सिंघार

उन्होंने आगे कहा, “सिविल इंजीनियरिंग डिग्री-धारी माननीय मंत्री विश्वास सारंग की ‘विशेष देख-रेख’ में बने इस ‘नायाब नमूने’ को आज पूरा देश वास्तुकला और इंजीनियरिंग का चमत्कार मान रहा है। सोशल मीडिया पर पूरा देश भाजपा सरकार के विकास मॉडल को निहार रहा है।”

तकनीकी शिक्षा विभाग को पाठ्यक्रम में शामिल करने का दिया सुझाव

उमंग सिंघार ने यह भी कहा कि “मैं तकनीकी शिक्षा विभाग को सुझाव देता हूं कि इस ब्रिज को अपने पाठ्यक्रम में, एक केस स्टडी के रूप में शामिल करें। ताकि इंजीनियर्स की आने वाली पीढ़ी भी जान सके कि जब घोटालों की बीम पर भ्रष्टाचार और कमीशन के कॉलम तान दिए जाते हैं तो ऐशबाग स्टेडियम ओवरब्रिज जैसे अजूबे जन्म लेते हैं।”

छोटी नालियों और गली के कामों में फोटो खिंचवाने वाले सारंग की नहीं गई नजर

बता दें कि एमपी कांग्रेस ने भी एक पोस्ट किया था जिसमें 90 डिग्री वाले इस ब्रिज पर सवाल उठाए थे। MP Congress ने एक्स पर लिखा था, “नरेला में इंजीनियर विश्वास सारंग की देखरेख में बना ऐसा पुल, जो सीधे न जाकर 90 डिग्री मुड़ गया। छोटी-छोटी नालियों और गली के कामों में फोटो खिंचवाने वाले सारंग जी की नजर इस भारी-भरकम पुल की डिजाइन पर नहीं पड़ी? या जानबूझकर नजरअंदाजी की गई? यह महज़ लापरवाही नहीं, बंदरबांट और भ्रष्टाचार का जीता-जागता नमूना है!” 

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