समाज कल्याण विभाग में फार्मासिस्ट के 90 फीसदी पद खाली हैं. ऐसे में आश्रम पद्धति विद्यालयों के छात्रों को चिकित्सा सुविधा देने की मंशा पर पानी फिर गया है. हालत यह है कि यहां फार्मासिस्ट पद पर भर्ती होने वाले इसी पद से सेवानिवृत्त हो जाते हैं.
प्रदेश में 104 आश्रम पद्धति के विद्यालय चल रहे हैं.
अब इन्हें सर्वोदय कॉलेज का नाम दिया गया है. इसी तरह गरीब तबके के छात्रों के लिए आठ कोचिंग सेंटर भी चल रहे हैं. इन कॉलेजों के छात्रों को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा के देने के लिए विभाग में फार्मासिस्ट के 104 पद सृजित हैं, लेकिन विभाग में सिर्फ 14 फार्मासिस्ट कार्यरत हैं. इतना ही नहीं फार्मासिस्टों की पदोन्नति का भी कोई प्रावधान नहीं किया गया है.
इस वजह से फार्मासिस्ट पद से ही सेवानिवृत्ति मिल जाती है. खाली पदों को भरने और सेवा नियमावली बनाने के लिए फार्मासिस्टों ने कई बार मांग की. विभागीय अफसरों से लेकर मंत्री तक को ज्ञापन सौंपा, लेकिन नतीजा सिफर है. समाज कल्याण फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ए आर कौशल का कहना है कि विद्यालयों में 24 घंटे की ड्यूटी होती है. ऐसे में नियमानुसार कम से कम 336 पद होना चाहिए. अभी तक जितने पद सृजित हैं, वही नहीं भरे गए हैं.