धीरज दुबे,कोरबा. बारिश ने कोरबा में प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। कोरबा के बांगो स्थित मिनी माता हसदेव बांगो बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। दबाव को कम करने हाइडल पावर प्लांट को 36 घंटे से लगातार चलाया जा रहा है, इससे 6413 क्यूसेक पानी दर्री स्थित हसदेव बरॉज में आ रहा है।

बरॉज का जलस्तर बढ़ने पर एक गेट खोल दिया गया, शनिवार की सुबह बांगो बांध का जलस्तर 357.82 मीटर दर्ज किया गया, बांध में कुल जल भराव 89.10 प्रतिशत है, केवल 1.84 मीटर बांध के लबालब होने में बचा है। बारिश होती रही तो जल्द ही बांध के गेट खोले जा सकते है। इधर सिंचाई के लिए दर्री डेम से दायीं और बायीं तट नहर में 3460 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, हसदेव बराज डेम का शनिवार की सुबह 6 बजे 9 नंबर गेट 6 फीट खोला गया,जिसे सात बजे 3 फीट किया गया। 9 नंबर गेट को बंद कर 11 नंबर गेट को 6 फीट खोला गया, गेट से 8 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे हसदेव नदी का जल स्तर बढ़ गया है। वही बारिश के कारण नदी, नालों का जलस्तर बढ़ गया है। ढेंगुरनाला, जमड़ी नाला में खतरे के निशान के करीब पानी जा रहा है। मौसम विभाग ने भी अगले 24 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी दी है।

निगम ने कराई मुनादी

कोरबा नगर पालिक निगम ने शहर की निचली बस्तियों और नदी किनारे की बस्तियों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क रहने कहा है। इधर बाढ़ नियंत्रण केन्द्र रायपुर ने आगामी 24 घंटे के भीतर प्रदेश में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है।

जिला प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

कलेक्टर मो. कैसर अब्दुल हक़ ने भारी बारिश की संभावनाओं के मद्देनजर सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व व जिला बाढ़ एवं आपदा राहत प्रबंधन टीम सहित अन्य अधिकारियों को सतर्क रहने कहा है। वहीं आपदा प्रबंधन के लिए सभी अधिकारी व नगर सैनिकों को तैयार रहने कहा गया है।

दो बार आ चुका है बाढ़

1992 में निर्मित इस बांध से पानी छोड़ने के कारण अब तक 2 बार बाढ़ आ चुकी है। 1994 के बाद 2011 में हसदेव नदी ने जमदर तबाही मचाई थी। बाढ़ की स्थिति अगर निर्मित होती है तो इससे सीधे तौर पर 15 गांव पूरी तरह डूब सकते है। वही अगर बात की जाए 2011 के बाढ़ की तो उस दौरान पानी कोरबा शहर के कई बस्तियों समेत बालको क्षेत्र में घुस गया था जिससे जमकर तबाही देखी गई थी। फिलहाल प्रशासन एक एक मूवमेंट पर अपनी नज़र बनाये हुए है।