रायपुर। देश में किया गया लॉकडाउन कोरोना को हराने का कारगर हथियार माना जा रहा है, लेकिन इसका असर ऐसे लोगों पर भी पड़ रहा है जो अन्य राज्यों में रोजी-मजदूरी करने गए हैं या फिर किसी अन्य वजह से. ऐसे लोगों के लिए लॉकडाउन किसी आफत से कम साबित नहीं हो रहा है. छत्तीसगढ़ के अभनपुर में स्थित चंपारण में ऐसे ही गुजरात के 94 श्रद्धालु फंसे हुए हैं. इतनी बड़ी संख्या में फंसे हुए श्रद्धालुओं की मदद के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल ने अपने हाथ बढ़ाए हैं. इन श्रद्धालुओं के यहां फंसे होने की जानकारी जैसे ही मुख्यमंत्री की पत्नी को लगी उन्होंने तत्काल 200 मास्क, 100 से ज्यादा एंटीसेप्टिक साबुन और दूध के पैकेट की व्यवस्था उनके लिए कराई.
मुख्यमंत्री की पत्नी ने वहां पर रुके हुए सभी श्रद्धालुओं से शांति बनाने की अपील की और कहा की उनके दवा एवं अन्य रोजमर्रा के सामग्रियों की व्यवस्था भी जल्दी ही करवाई जाएगी.
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने बताया कि मुक्तेश्वरी बघेल के इस दरियादिली और सहयोग को देखकर गुजरात राज्य से आए हुए श्रद्धालुओं की आंखों में आंसू आ गये और उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके धर्मपत्नी के कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की और कहा कि हजारों किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ प्रदेश में अपने पन का अहसास हो रहा है.
आपको बता दें चंपारण गुरु वल्लभाचार्य की जन्म स्थली है, देश और विदेश से बड़ी संख्या में उनके अनुयायी यहां पहुंचते हैं. गुरु वल्लभाचार्य की जन्मस्थली होने के साथ ही यह उनके अनुयायियों के लिए किसी तीर्थ के सामान है.