चेन्नई. एक मशहूर कहावत है कि उम्र सिर्फ एक नंबर है और कुछ भी नहीं. साठ साल की उम्र आते-आते ज्यादातर लोग ढेर सारी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं. वहीं अगर आपसे ये कहा जाय कि 97 साल की उम्र की एक बुजुर्ग आज भी पूरी शिद्दत के साथ लोगों को न सिर्फ योग सिखाती हैं बल्कि उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं जो बुजुर्गियत को मुसीबत का सबब मानते हैं.
तमिलनाडु के छोटे से खूबसूरत शहर कोयंबटूर की रहने वाली वी. नन्नमल उन तमाम लोगों के लिए एक आदर्श हैं जो जिंदगी को बेहतर तरीके से जीने में यकीन रखते हैं. उम्र जिनके लिए महज एक नंबर है और कुछ भी नहीं. संभवतः नन्नमल देश की सबसे ज्यादा उम्र की योग टीचर हैं. वो रोजाना 100 से भी ज्यादा लोगों को रोजाना योग सिखाती हैं. जिसमें हर उम्र के लोग शामिल हैं.
उन्होंने योग की शिक्षा अपने पिता से ग्रहण की और आज वो खुद योग न सिर्फ लोगों को सिखाती हैं बल्कि ये भी बताती हैं कि योग के जरिए कैसे फिट और फाइन रहा जाय. नन्नमल की सधी हुई दिनचर्या न सिर्फ उनको इस उम्र में भी स्वस्थ औऱ फिट बनाए हुए है बल्कि वो हजारों लोगों को प्रेरणा दे रही हैं. वो आज भी सिर्फ नीम की दातून से दांत साफ करती हैं औऱ हेल्दी फूड ही खाने में शामिल करती हैं.
नन्नमल कहती हैं कि उनके परिवार में सभी लोग प्रकृति के करीब रहे. जिससे उन्हें भी नेचुरोपैथी औऱ योग में दिलचस्पी शुरू हुई. आज ये उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा है. वे कहती हैं कि मैंने योग को कभी भी नहीं छोड़ा. यही मेरे स्वस्थ होने का राज है. खास बात ये है कि नन्नमल अपने ही खेतों में उगाई जाने वाली सब्जियों का इस्तेमाल करती हैं और वो विशुद्ध शाकाहारी हैं. नन्नमल अब तक अकेले कोयंबटूर में 20 हजार से भी ज्यादा लोगों को योग सिखा चुकी हैं. उनके शिष्य इसके लिए उनका नाम गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराने की कोशिशों में लगे हैं.
नन्नमल अब योग व इससे होने वाले फायदों से महिलाओं को लाभान्वित करना चाहती हैं. इसके लिए वो कई शैक्षणिक संस्थाओं की छात्राओं को योग की शिक्षा दे चुकी हैं. खास बात ये है कि नन्नमल को दुनिया के कई देशों से योग सिखाने के आफर आ चुके हैं लेकिन अंग्रेजी न आने के कारण नन्नमल ने बेहद विनम्रता से इन आफर्स को ठुकरा दिया. वहीं दुनिया के विभिन्न देशों में उनके करीब 600 छात्र योग का प्रचार प्रसार करने में लगे हैं. अकेले नन्नमल ही नहीं उनके परिवार के करीब 40 सदस्य योग की शिक्षाओं का प्रचार प्रसार अपने अपने स्तर से करने में लगे हैं. वो कहती हैं कि जीवन में अगर हम स्वस्थ रहने के लिए गंभीर हैं तो हम हमेशा स्वस्थ रहेंगे. मेरे लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती.