निशांत राजपूत, सिवनी। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सिवनी जिले (Seoni) के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छपारा में इन दिनों स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह से चरमराई हुई है। यहां पर पोस्टमार्टम करने के लिए परिजनों से पैसों की डिमांड की जाती है। पैसे नहीं देने पर कई घंटे तक इंतजार कराया जाता है। सोमवार को भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला, जहां एक बच्ची के शव का पीएम करने के लिए प्राइवेट कर्मचारी ने परिजनों से पैसे मांगे और जब तक पैसे नहीं मिले तो पीएम नहीं किया।
दरअसल, छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा थाना क्षेत्र के सेजा गांव की 4 साल की बच्ची ठेल नदी में बह गई थी। तीन दिन बाद कल शाम को बच्ची का शव छपारा के पास मिला। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए छपारा के अस्पताल लाया गया। जहां अस्पताल में प्राइवेट कर्मचारी ने पोस्टमार्टम करने के बदले परिजनों से दो हजार रुपए की मांग की और पैसे नहीं देने पर पीएम करने से मना कर दिया। इसके बाद गरीब परिजनों ने जैसे-तैसे कर उसे पांच सौ रुपए दिए। वहीं पुलिस और मीडिया के हस्तक्षेप के बाद कर्मचारी ने पोस्टमार्टम किया।
सबसे बड़ी बात यह है कि कैमरे के सामने प्राइवेट कर्मचारी ने कबूल किया कि हां मैंने पैसे मांगे हैं, क्योंकि मुझे सरकार की तरह से कई ज्यादा लाभ नहीं मिलता है। वहीं पूरा मामला सामने आने के बाद जब ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी।
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