अजय नीमा, उज्जैन। श्री महाकालेश्वर भगवान की श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में सातवीं सवारी सोमवार नगर में धूमधाम से निकली। नागपंचमी का संयोग होने से भक्तों की संख्या भी अधिक रही। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजा-अर्चना की गई। उसके बाद मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी गई। 

श्रावण मास में भगवान महाकाल की सातवीं सवारी सोमवार को निकाली गई। देशभर से यहां दर्शन करने पहुंचे भक्तों को अवंतिकानाथ जटाशंकर सहित सात रूपों में दर्शन देने निकले। भगवान के ये मुखारविंद रजत पालकी, हाथी व रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। प्रमुख मार्गों से होकर सवारी शिप्रा तट पहुंची। यहां राजाधिराज का शिप्रा जल से अभिषेक-पूजन किया गया। इसके बाद सवारी तय मार्ग से मंदिर लौटी। परंपरागत मार्गों से होते हुए राजा की पालकी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां पुजारी शिप्रा जल से भगवान का अभिषेक कर पूजा अर्चना करेंगे। पूजन पश्चात महाकाल सवारी पुन: मंदिर के लिए रवाना होगी।

Read more- कलाकार का झुलसा चेहरा, VIDEO: पशुपतिनाथ की निकाली शाही पालकी, मुंह से आग निकालने का करतब दिखाते समय लगी आग

इस बार पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद ,श्री घटाटोप मुखोटा व श्री जटाशंकर मुखारविंद सम्मिलित हुए। सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंची। जहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया गया। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

Read more- MP में नागपंचमी पर वन विभाग की बड़ी कार्रवाई: सपेरों से 15 से ज्यादा सांप छुड़ाए, सभी सांपों को जगल में छोड़ने की तैयारी

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus