सत्यपाल राजपूत, रायपुर. हिंद स्पोर्टिंग ग्राउंड को लेकर मंगलवार को नगर निगम की समान्य सभा में जमकर हंगामा हुआ. BJP पार्षद सरिता आकाश दुबे ने मामले को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि किसी की निजी संपत्ति में कैसे नगर निगम बिना परमिशन के काम कर सकती है ? हिंद स्पोर्टिंग समिति से परमिशन नहीं ली गई है. बिना सहमति के 25 करोड़ की प्लानिंग कर एजेंडा सदन में रखना उचित नहीं है. उसमें भी आय उत्सर्जित करने की बात कही जा रही है.

पार्षद ने इस एजेंडा में आपत्ति करते हुए निजी ज़मीन होने का रजिस्ट्री दिखाया. साथ ही उन्होंने कहा कि BJP के कार्यकाल में आचार संहिता लगने से पहले 21 करोड़ की लागत से इसके विकास कार्यों के लिए भूमिपूजन किया गया था, टेंडर भी हो गया था, उसके बाद मामले को रफ़ा दफ़ा कर दिया गया, कहां है वो टेंडर ? कहां खर्च किया गया उस राशि को ? जब विकास करना ही था तो इस पैसे को क्यों नहीं लगाया गया ? चुनाव आते ही अपने फायदे के लिए इस एजेंडा को रखा गया था. लेकिन जमकर आपत्ति के बाद इस एजेंडे को हटाया गया.

उन्होंने कहा कि 2003 में कांग्रेस की सरकार थी, अजीत जोगी मुख्यमंत्री थे. जिन्होंने इस मसले को दो बार विधानसभा में ले जाकर हिंदू मुस्लिम समस्या का समाधान किया था. हिंद स्पोर्टिंग ग्राउंड हिंदुओं को दिए थे और सीरत मैदान में एक लाख 10 हजार स्क्वायर फीट जमीन मुसलमान भाइयों को दी गई थी.

पार्षद ने कहा कि हम विकास के विरोधी नहीं है. बाउंड्री वॉल बनने विकास होने से ग्राउंड सुरक्षित हो जाएगा. लेकिन किसी की निजी जमीन पर जबरन बिना परमिशन के वहां काम करना उचित नहीं है. इसका हम विरोध करते हैं. इतना ही विकास करना है तो सीरत मैदान में करें. ये हमारा चैलेंज है.

इस पर महापौर ने कहा कि इस एजेंडा में ये रास्ता निकाला गया है कि पहले इन समितियों से चर्चा कर उनकी सहमति ली जाएगी. उसके बाद आगे काम किया जाएगा. सभापति प्रमोद दुबे ने कहा कि बात निजी जमीन की थी और बिना परमिशन वहां विकास कार्य नहीं किया जा सकता. इसलिए इस मामले को विलोपित किया गया.

32 एंजेंडों पर हुई चर्चा

इसके अलावा गोल बाजार में दुकानों को लेकर भी जमकर हंगामा हुआ. आवंटित संशोधित मामले को लेकर विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की. सामान्य सभा के तीसरे दिन सदन की कार्रवाई जारी रही. इस दौरान कुल 28-32 तक के एजेंडों पर चर्चा हुई. जिसमें से 31 एजेंडे पर मुहर लगी. ओपन प्लॉट पर लिए जा रहे संपत्ति कर में रियायत देने के लिए प्रस्ताव भी पास हुआ. एजेंडा नंबर 32 भी बहुतमत से पास हुआ. निगम द्वारा रिक्त दुकानों को किराए में दिए जाने के लिए नीति निर्धारण के संबंध का एजेंडा भी पास हो गया.

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