नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपील दायर करने में तकरीबन पांच सौ दिन की देरी को माफ करने की आयकर अधिकारियों की एक याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस हाई-टेक युग में भी कुछ सरकारी अधिकारी कछुए की चाल से काम करने का अपना रवैया नहीं छोड़ रहे.
उच्च न्यायालय ने कहा कि सरकारी अधिकारियों की लापरवाही या जानबूझकर बरती गई निष्क्रियता को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. पीठ ने कहा कि अब समय आ गया है कि कुछ सरकारी एजेंसियों में व्याप्त लापरवाही को हटाते हुए कर्मठता को स्थान दिया जाए, ताकि न्याय उपेक्षा, चूक, लापरवाही और उदासीनता की वेदी पर न चढ़े. उच्च न्यायालय का यह आदेश प्रधान आयकर आयुक्त द्वारा दायर एक अर्जी को खारिज करते हुए आया. इस अर्जी में आयकर अधिनियम के तहत अपील दायर करने में 498 दिनों की देरी माफ करने का अनुरोध किया गया था. आयकर अधिनियम के तहत अपील दायर करने का समय 120 दिन है. उच्च न्यायालय ने अपील खारिज कर दी.