नीलेश भानपुरिया,झाबुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज एक दिवसीय दौरे पर झाबुआ पहुंचे. 34 करोड़ 65 लाख की लागत के नवनिर्मित गढ़वाड़ा स्थित यूआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज भवन लोकार्पण कर कार्यकर्त्ता सम्मेलन को संबोधित कर छात्रों के उज्वल भविष्य के लिए निरंतर चिंता रखने की बात कही. मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि देश की प्रगति के लिए अभियंता और वैज्ञानिक दोनों आवश्यक हैं. जनजातीय बहुल क्षेत्र झाबुआ में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत करीब आठ वर्ष पूर्व खोला गया इंजीनियरिंग कॉलेज वर्ष 2019 में बंद करने के आदेश दे दिए गए. वर्ष 2020 में पुन: मुख्यमंत्री बनने के बाद मेरे संज्ञान में यह बात आयी और मैंने महाविद्यालय दोबारा प्रारंभ करने के निर्देश दिए.

भारत की गौरव गाथा गा रहा है चंद्रयान

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि झाबुआ का यह महाविद्यालय भवन पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम पर है. अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में उनका महत्वपूर्ण योगदान था. भारत ने हाल ही में चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान उतारा है. इससे प्रत्येक देशवासी गौरवान्वित है. प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. कलाम का सपना साकार करने का कार्य किया है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री सहित राष्ट्रवासियों को इस विशेष उपलब्धि के लिए बधाई दी.

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इंजीनियरिंग के साथ पढ़ाएंगे हेप्पीनेस और जीवन मूल्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि झाबुआ के इंजीनियरिंग कॉलेज में इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं के अध्ययन के साथ ही कम्युनिटी इंगेजमेंट, हेप्पीनेस और जीवन मूल्य विषय भी विद्यार्थियों को पढ़ाए जाएंगे. ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों में भी क्षमताएँ होती हैं, उन्हें अध्ययन के पूरे अवसर मिलना चाहिए.

हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाएं भी महत्वपूर्ण

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी में प्रारंभ की गई है. इसका उद्देश्य राष्ट्रभाषा के सम्मान के साथ ही योग्य विद्यार्थियों को भी आसानी से शिक्षा उपलब्ध करवाना है. जापान, जर्मनी और फ्रांस सहित कई देशों में अंग्रेजी में अध्ययन के स्थान पर उन देशों की भाषाओं में ही शिक्षा दी जाती है. क्षेत्रीय भाषाएं और हिन्दी विद्यार्थियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में योग्य बना सकती हैं.

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विद्यार्थियों को कई तरह के प्रोत्साहन

शिवराज ने कहा कि विद्यार्थियों को अन्य ग्राम में पढ़ने के‍लिए जाने पर साइकिल के लिए राशि, 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर लैपटॉप और अपने गाँव में सर्वाधिक अंक लाने वाले बेटा-बेटी को स्कूटी प्रदान की जा रही है. सरकार ने उच्च शिक्षा महंगी होने की स्थिति को देखते हुए विद्यार्थियों को शिक्षण शुल्क देने की पहल की. मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना का लाभ प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को मिल रहा है. सीएम राइज विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा विभिन्न सुविधाओं के साथ प्रदान कर रहे हैं. आने वाले समय में प्रत्येक 15 से 20 ग्रामों के लिए एक सीएम राइज विद्यालय प्रारंभ किया जाएगा. आई.टी.आई. उत्तीर्ण विद्यार्थियों को सीखो-कमाओ योजना में विभिन्न औद्योगिक संस्थानों में कार्य सीखने के साथ ही प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की व्यवस्था की गई है.

डॉ. ए.पी.जे. अब्‍दुल कलाम विश्‍वविद्यालय प्रौद्योगिकी संस्‍थान

झाबुआ में राज्य शासन द्वारा वर्ष 2015 में स्‍थापित डॉ. ए.पी.जे. अब्‍दुल कलाम विश्‍वविद्यालय प्रौद्योगिकी संस्‍थान झाबुआ, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्‍वविद्यालय भोपाल का घटक संस्‍थान है. इस संस्‍थान में चार इंजीनियरिंग ब्रांच होंगी, जिसमें से वर्तमान में दो ब्रांच मैकेनिकल इंजीनियरिंग और कम्‍प्‍यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग 60-60 सीटों के साथ संचालित है. कॉलेज का नवनिर्मित विशाल परिसर ग्राम गडवाडा जिला झाबुआ में 14.44 हेक्‍टेयर भूमि (लगभग 36 एकड़) पर लगभग 34 करोड़ 65 लाख की लागत से तैयार किया गया है. कॉलेज परिसर में प्रशासनिक/शैक्षणिक भवन तथा बालक/बालिकाओं के लिए पृथक से 108-108 सीट के दो छात्रावास बनाए गए हैं. साथ ही ऑडिटोरियम, वर्कशॉप, गर्ल्स कॉमन रूम, कम्प्यूटर रूम, लायब्रेरी, फेकल्टी रूम, एचओडी रूम, लेब, डायनिंग हॉल, किचन, टी.वी. रूम, केरम रूम आदि की भी व्यवस्था है.

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वर्तमान में संचालित दो ब्रांच के अतिरिक्त आगामी सत्र से सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग ब्रांच भी प्रारम्भ होंगी. इस इंजीनियरिंग कॉलेज से जिले एवं आसपास के लगभग 1000 विद्यार्थी प्रत्‍येक वर्ष लाभान्वित होंगे. जिले में कुल 168 छात्रावास है. जिसमें 12 हजार 665 बालक/बालिकाएं निवासरत हैं. कॉलेज से पाँच (05) बैच में उत्‍तीर्ण छात्र-छात्राएँ लाभान्वित होकर रोजगार, उच्‍च अध्‍ययन और स्‍टार्टअप के लिये अग्रसर हैं. वर्तमान में लगभग 500 विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं. संस्‍था में शैक्षणिक कार्यों के अतिरिक्त विद्यार्थियों के सम्पूर्ण विकास और औद्योगिक ज्ञान के लिए विशेषज्ञ लेक्चर, ट्रेनिंग, इंटर्नशिप और इत्यादि गतिविधियां भी संपन्न करवाई जाती हैं. साथ ही जिले में आधुनिक शोध कार्यों द्वारा नवाचार किया जा रहा है जिससे जिले की विकास गति में वृध्दि होगी. इसके अतिरिक्त जिले में 07 महाविद्याओं में कुल 15 हजार विद्यार्थी अध्यनरत हैं. साथ ही जिले में एक पॉलिटेक्निक महाविद्यालय है जिसमें 04 ब्रांच में कुल 400 विधार्थी अध्यनरत हैं. झाबुआ जिले में 05 आईटीआई हैं. जिनमें 09 ट्रेड्स चल रहे हैं और 756 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं.

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