नई दिल्ली. उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ के लिए कोलेजियम की दूसरी बार भेजी गई सिफारिश पर केंद्र सरकार को अपनी मुहर लगानी लड़ी. 20 जुलाई को कोलेजियम ने उत्तराखंड के चीफ जस्टिस के.एम जोसेफ के नाम को दूबारा केंद्र के पास भेजा था. जिस पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जोसेफ की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है.
कानून मंत्रालय ने नियुक्ति के लिए वारंट प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. इसके अलावा मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी और ओडिशा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विनीत शरण के नामों को भी मंज़ूरी दे दी गई है.
गौरतलब है कि सरकार ने हाल ही में वरीयता और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व का हवाला देते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के.एम जोसफ को उच्चतम न्यायालय में बतौर न्यायाधीश पदोन्नत करने पर अपनी असहमति जताई थी और सिफारिश को वापस भेज दिया था. इसके बाद कॉलेजियम ने उनका नाम दोबारा सरकार के पास भेजा.
सरकार के इस फैसले की काफी आलोचना भी हुई. गौरतलब है कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को जस्टिस जोसेफ ने पलट दिया था. जिसके बाद हरीश रावत की पूर्ववती सरकार फिर से बहाल हो गई थी. माना जा रहा था कि इसी फैसले को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार जस्टिस जोसेफ को नहीं लाना चाहती थी. लेकिन आखिरकार सरकार को कोलेजियम के फैसले के सामने झुकना ही पड़ा.