अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य शहडोल (Shahdol) जिले में एशिया की सबसे बड़ी यूरोपियन देशों के मशूहर खेल क्लाइंबिंग वॉल (climbing wall) तैयार किया गया है। जिसमें शहडोल के आदिवासी बच्चे इस खेल का हुनर सीखेंगे। प्रदेश सरकार का मानना है कि आदिवासी युवाओं की मांसपेशी और शारीरिक क्षमता ज्यादा प्रभावी होती है। पर्वतों में चढ़ने उतरने का हुनर शहरी बच्चों की अपेक्षा आदिवासी बच्चों में ज्यादा होता है। इस कारण अब भारत सरकार ने क्लाइंबिंग वॉल खेल में आदिवासी बच्चों को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है।

इसी कड़ी में शहडोल में प्रदेश सरकार ने 6 करोड़ की लागत से एशिया की सबसे बड़ी स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग वॉल का निर्माण कराया है। शहडोल के विचारपुर में स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग वॉल को लगाने का काम पूरा हो चुका है। जहां खिलाड़ी और 350 दर्शकों के लिए बैठने की व्यवस्था है। क्रीड़ा परिसर में ठहरने और भोजन की व्यवस्था है।

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आदिवासी बच्चे दिखाएंगे हुनर

ओलंपिक खेलों में अब MP के शहडोल जिले के आदिवासी बच्चे भी अपना हुनर दिखा सकेंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने खास तैयारी की है। शहडोल के विचारपुर में फ्रांस की एक कंपनी ने एशिया की सबसे बड़ी स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग वॉल तैयार की है। शहडोल के विचारपुर में बनाई गई यह भारत देश की पहली सर्व सुविधा युक्त इकाई है, जो इतने बड़े पैमाने पर बनाई गई है।

निःशुल्क मिलेगी सुविधा

आदिवासी समुदाय के बच्चों के लिए यह खेल की सुविधा बिल्कुल निःशुल्क होगी। उन्होंने बताया कि स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में 100 सीटर विद्यार्थियों के रहने के लिए छात्रावास भी उपलब्ध है। अब आदिवासी क्षेत्र में रहने वाले युवाओं को सेना की भर्ती में इस खेल का सीधा फायदा मिलेगा। इसके अलावा पर्वतारोही और रेस्क्यू के गुर सीखने में भी मदद मिलेगी।

स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग वॉल का हुनर सिखाने भोपाल से विचारपुर आए ट्रेनर उमेश शर्मा बताते हैं कि अभी इस खेल में भारत की स्थिति बहुत खराब है। 2023 के ओलंपिक खेल में अभी हमारी पोजिशन हाईएस्ट 31वें नंबर पर रही है। मणिपुर के रहने वाले चिरंवई मावबाम ने इस खेल में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। ओलंपिक में जापान, चीन, इंडोनेशिया, कोरिया, फ्रांस, ईरान और रसिया का दबदबा रहता है।

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आपको बता दें कि एक साथ 3 क्लाइंबिंग वॉल वाली यह प्रदेश की पहली यूनिट है। प्रदेश में अभी एक साथ 3 क्लाइंबिंग वॉल कहीं पर नहीं है। भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय और दयानंद स्कूल में लगी यूनिट कोविड के बाद से बंद है। इसके अलावा लक्ष्मी बाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन में लगी यूनिट भी सालों से बंद पड़ी है।

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