नेहा केशरवानी, रायपुर. दिन हो या रात, आंधी आए या बरसात, पर्व हो या त्यौहार, देश की रक्षा के लिए हमारे जवान हमेशा तैनात रहते हैं. ऐसे में रविवार को रायपुर के बाराडेरा स्थित सीआरपीएफ 65वीं बटालियन के जवानों को ब्रम्हकुमारी बहनों ने राखी बांधा. इसके साथ ही अन्य सामाजिक संगठनों की बहनों ने भी जवानों को राखी बांधी. सैनिक भाइयों ने भी बहनों को आशीर्वाद दिया और उनके साथ देश को सुरक्षित रखने की कसमें खाईं. बहनों की राखी से सेना के जवानों की कलाई भर गई.

भाई-बहन का सबसे पावन त्यौहार राखी पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. साल भर भाई देश के किसी भी हिस्से में रहे, लेकिन राखी के त्यौहार के दिन अपनी बहनों के हाथ से राखी बंधवाने वो अपनी बहनों के पास जरूर जाते हैं. भारत को त्योहारों का देश माना जाता है. बावजूद इसके देश के सरहद पर तैनात जवान शायद ही कोई त्योहार है जो अपने घर पर मानते हैं. ऐसे में अक्सर राखी के दिन समाजसेवी संगठन जवानों को राखी बांधने और उन्हें भेजने के लिए आगे आते हैं. इसी क्रम में रायपुर के 65 बटालियन CRPF कैंप में ब्रह्माकुमारी आश्रम द्वारा जवानों को राखी बांधी गई.

65 बटालियन CRPF पैराडेरा कमांडेंट व्ही के सिंह ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के हम सब जवान हैं और हम जवान अपने घर में जाकर रक्षाबंधन नहीं मना सकते हैं. इसलिए उन्हें घर जैसा माहौल देने के लिए यह फंक्शन मानते हैं. ब्रह्मकुमारी इसके अलावा और भी समाजसेवी संगठन हैं जो हमारे साथ रक्षाबंधन मानते हैं. आज का जो दिन है वह स्नेह और प्यार वाला भाई-बहनों का दिन है. उसको हम बड़े धूमधाम से मनाते हैं. वास्तव में आज के दिन हम सबको यही संदेश देना चाहते हैं कि सभी लोग प्यार से यह सब त्यौहार को मनाएं.

65 बटालियन सीआरपीएफ के जवान सुरेंद्र सिंह ने बताया कि आप जो हमारे साथ जवान देख रहे हैं, यही हमारा परिवार है. आज का दिन बहुत भावुक तो जरूर होता है, लेकिन हम पिछले कई साल से ड्यूटी कर रहे हैं तो कहीं ना कहीं इस भावुकता कि हमें आदत हो गई है. सीआरपीएफ जवान उमेश कुमार ने बताया कि आज मुझे बहुत खुशी है और मुझे मेरी बहन की बहुत याद आ रही है. मुझे 10 साल हो गया है अपने घर से दूर बहन से दूर रक्षाबंधन मनाते हुए. मुझे ये रक्षाबंधन यहां जो मनाया जा रहा है वह ऐसा लग रहा है कि मेरी बहन मेरे सामने है और वह मुझे राखी बांध रही है. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. उन्होंने बताया कि हम लोगों के लिए यह पल बहुत मुश्किल होता है. लेकिन हमारी ड्यूटी ही ऐसी है कि देश की सेवा हमारी प्राथमिकता है और आज जो हुआ है वह बहुत अच्छा लगा है.

ब्रह्मकुमारी दीक्षा बहन कहती हैं कि हम लोग ब्रह्माकुमारी आश्रम से सीआरपीएफ कैंप आए हैं. हमारे देश की सेवा में जितने भी भाई लगे हुए हैं किसी भी त्यौहार पर वह घर ना जाकर देश की सेवा करते हैं, हमारी सेवा करते हैं. राखी का त्यौहार भाई-बहन के लिए बहुत ही पावन पर्व माना जाता है. राखी के त्यौहार को लेकर अपने सभी भाइयों को राखी बांधने के लिए हम यहां आए हैं और हम उन्हें यह संकल्प देना चाहते हैं कि अपने विचारों को हमेशा सकारात्मक रखें और सरहद पर आने वाली समस्याओं को सकारात्मक होकर सामना करें.