मुजफ्फरनगर. जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मुजफ्फरनगर मामले पर रोष जताया है. उन्होंने कहा, ‘देश में नफरत की जड़ें काफी गहरी और मजबूत हो चुकी है. यह पिछले कुछ सालों में ही हुई है. महिला शिक्षिका की सोच और ऐसे कार्य से दुनिया भर में देश का नाम खराब हुआ है.’

मौलाना अरशद मदनी ने जारी बयान में कहा, ‘स्कूलों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है. यह वह जगह होती है, जहां देश का भाग्य लिखा जाता है. अफसोस है कि पिछले कुछ सालों से हमारे देश की आबो हवा में नफरत का जो जहर घोला जा रहा था, वह अब सिर चढ़कर बोलने लगा है. स्कूल भी इससे अछूते नहीं रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षक मां-बाप का स्थान रखते हैं. एक शिक्षक द्वारा दिल में नफरत रखते हुए मासूम बच्चे को सजा देना सिर्फ और सिर्फ जुल्म है.’

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उन्होंने कहा, ‘मां की गोद के बाद स्कूल ही वह स्थान है, जहां बच्चे का नैतिक प्रशिक्षण होता है. लेकिन देश का दुर्भाग्य है कि पिछले कुछ सालों से देश में सांप्रदायिक तत्वों ने मिलकर सांप्रदायिकता और अतिवाद का जो जहर लोगों के दिलों दिमाग में भरा है. उससे हमारे शिक्षण संस्थान भी अब सुरक्षित नहीं रहे हैं.’

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