अजय नीमा, उज्जैन। श्रावण माह के अंतिम सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर की अष्टम सवारी में श्री रुद्रेश्वर स्वरुप में विराजित होकर भक्तों को दर्शन दिए। श्रावण माह के अंतिम सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी में रजत जड़ित पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, बैलगाड़ी में श्री घटाटोप स्वरुप, श्री जटाशंकर रूप व अष्टम सवारी में श्री रुद्रेश्वर स्वरुप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलें।
भगवान श्री महाकालेश्वर के वैभव, एैश्वर्य व गरिमा की छटा चारों ओर देखतें ही बन रही थी। श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में सर्व प्रथम भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन कर भगवान की आरती की गई। पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराया गया। सवारी के निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर के सभामंडप में कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति कुमार पुरुषोत्तम, पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा, पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी जी महाराज, महापौर मुकेश टटवाल, आयुक्त नगर पालिक निगम रोशन सिंह, अपर कलेक्टर एवं प्रशासक संदीप सोनी, मंदिर प्रबंध समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु, राजेंद्र शर्मा ‘गुरु’, राम पुजारी आदि ने भगवान महाकालेश्वर का पूजन-अर्चना की और आरती में सम्मिलित हुए।
रजत पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर जैसे ही मुख्य् द्वार पर पहुचें, सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा श्री चन्द्रमोलेश्वर भगवान को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। सवारी मार्ग में जगह जगह पर खडे श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ उज्जैन नगरी के राजा भगवान श्री महाकालेश्वर पर पुष्पवर्षा की। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंची। रामघाट पर श्री चन्द्रमोलेश्वर व श्री मनमहेश का मां क्षिप्रा के जल से अभिषेक पूजन किया गया
उज्जैन की तर्ज पर इछावर में भी निकली महाकाल की शाही सवारी
अनिल मालवीय, इछावर( सीहोर)। जिले के इछावर में भी उज्जैन की तर्ज पर आज इछावर नगर में महाकाल की भव्य शाही सवारी बड़े धूमधाम से निकली। शाही सवारी का जगह जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। वहीं ढोल धमाके व डीजे और बैंड की धुन पर महिला, बच्चे भक्त झूम रहे थे। जिस तरह से उज्जैन में पालकी सजाई जाती है। इस तरह पालकी को सजाया गया। नगर के थाने स्थित शंकर मंदिर से शुरू होकर नगर के ग्राम देवी माता मंदिर पहुंचेगी, जहां पूजा अर्चना की। इसके बाद नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए वापस थाना परिसर मंदिर पर समाप्त हुई।
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