नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए संविधान में अनुच्छेद-35ए जोड़ने से लोगों के तीन मौलिक हक छिन गए थे. राज्य के स्थायी निवासियों को मिले विशेष अधिकार के चलते देश के अन्य हिस्सों के लोगों के जम्मू-कश्मीर में रोजगार पाने, जमीन खरीदने और वहां बसने के अधिकार का हनन हुआ.

शीर्ष न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर 11वें दिन की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की. मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि राज्य में नौकरी-रोजगार पाने में सभी नागरिकों को समान अवसर, अचल संपत्ति जमा करने का अधिकार, राज्य सरकार के तहत मौलिक अधिकार की श्रेणी में आता है.

उन्होंने कहा कि ये सब अधिकार अनुच्छेद-35ए लोगों से छीनता है, क्योंकि ये जम्मू-कश्मीर के नगारिकों के लिए विशेष अधिकार थे. वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अनुच्छेद-35ए हटाने से राज्य का विकास हो रहा है, बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है. वहां पर्यटन के क्षेत्र में वृद्धि हो रही है. जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी उन योजनाओं का लाभ मिल रहा है जो देश के अन्य हिस्सों के लोगों को मिल रहा है.