मध्यप्रदेश में हर मंगलवार को होने वाले कलेक्टर जनसुनवाई में शिकायत के बाद भी लोगों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है। बार बार कलेक्ट्रेट पहुंचने के बाद समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। इससे जनसुनवाई पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इस दिशा में जिम्मेदारों को सोचने की जरूरत है। लोगों की पीड़ा सुनने के बाद ऐसा लगता है कि कलेक्टर जनसुनवाई में मात्र औपचारिकता निभाई जा रही है। अब लोगों का भरोसा भी उठने लगा है। ऐसा ही मामला प्रदेश के दो जिले बुरहानपुर और उमरिया से सामने आया है जहां परेशान लोग छोटे छोटे बच्चों के साथ कलेक्टर जनसुनवाई में अपनी पीड़ा बताने पहुंचे थे।

मोसीम तड़वी, बुरहानपुर। ग्राम लोनी का निर्धन परिवार स्कूली बच्चे के साथ केरोसिन लालटेन (लैंप) लेकर कलेक्टर को भेंट करने जनसुनवाई में पहुंचे थे। गरीब परिवार का प्रति माह ₹5000 का बिजली का बिल आ रहा है। बिल जमा नहीं करने पर विभाग ने बिजली कनेक्शन काट दिया है। बच्चे अंधेरे में लालटेन में पढ़ने को मजबूर है। बच्चों के साथ भीम आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दत्तू मेढे ने कलेक्टर से गुहार लगाई है। कहा कि सरकार झूठे वादे कर रही है।

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संजय विश्वकर्मा, उमरिया। जिले के एक गांव से पहुंची मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की लाडली बहने बिजली की समस्या को लेकर कलेक्टर कार्यालय गेट पर बैठकर विरोध जताया। साथ में छोटे छोटे बच्चे भी मौजूद थे। बताया कि लगातार 5 वीं बार बिजली की समस्या को लेकर कलेक्टर जनसुनवाई में पहुची हैं। बीते एक माह से ग्राम पंचायत टिकुरी के गड़रिया टोला में ट्रांसफार्मर जलने के कारण बिजली बंद है। महिलाओं ने कहा कि समस्या का समाधान होने तक कलेक्ट्रेट में बैठे रहेंगी।

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