जितेन्द्र सिन्हा,राजिम. छुरा विकासखंड के ग्राम देवसरा अकलवारा में अवैध रेत उत्खनन का कारोबार जोरो पर है. खनन माफिया रात दिन 24 घंटे खुले आम बेख़ौफ़ होकर उत्खनन कर रहे है. इनता ही नहीं अवैध कारोबारियों का हौसला इतना बुलंद है कि प्रशासन की नियमों को ताख पर रखकर अवैध उत्खनन कर रहे है. जिसका खामियाजा अब ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.
बनने के कुछ दिन बाद ही उखड़ रही सड़क
दरअसल आदिवासी वनांचल ग्रामों में राज्य एवं केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना है. जिसके तहत सड़कों का निर्माण किया जाता है. वहीं देवसरा अकलवारा गांव से शहर तक जोड़ने व ग्रामीणों को राहत पहुंचाने के लिए डामरीकरण कर सड़कों को दुरुस्त किया गया था. सड़क दुरुस्त किए महज कुछ ही दिन हुए थे कि वो अब उखड़ना चालू हो गया है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अवैध रेत कारोबारी भारी वाहनों को इस रास्ते से लेकर गुजरते है.
सड़कों पर दौड़ रहे भारी वाहन
रेत के अवैध कारोबारियों के द्वारा भारी भरकम हाइवा वाहनों में 15 से 20 टन रेत का वजन भरकर खुले आम सड़कों की धज्जिया उड़ा रहे है. रोजाना हाइवा ट्रकों का आना जाना लगा हुआ है. जिससे ग्रामीणों को सड़क में चलने से खतरा बना हुआ है. इतना ही नहीं सड़क की एक परत निकलने लग गया है. जिस कारण से ग्रामीणों काफी आक्रोश बना हुआ है.
ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की कहीं बात
इस मामले में जब गरियाबंद जिले के प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यपालन अभियंता से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन मार्ग में अधिकतम 12 टन हैवी वाहन की क्षमता निर्धारित है. यदि ऐसी शिकायत मिल रही है कि सड़कों पर 15 से 20 टन रेत से भरी हाइवा वाहन चल रलही है. जिससे सड़के खराब हो गई है. तो इस संबंध में ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.
कार्रवाई नहीं होने से है बेखौफ
फिलहाल रेत माफियाओं का किसी भी प्रकार से जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने की वजह से ही बेखौफ होकर अवैध उत्खनन किया जा रहा है. और बेधड़क भारी वाहन सड़कों पर दौड़ा रहे है. अब देखना यह होगा क्या इन कारोबारियों पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं. या फिर इसी तरह कारोबार चलता रहेगा.