OCCRP Report on Vedanta: दिल्ली. आर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट्स (OCCRP) की रिपोर्ट ने अदानी ग्रुप के बाद अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाले वेदांता ग्रुप पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. अपनी एक फ्रेश रिपोर्ट में ओसीसीआरपी ने दावा किया है कि कोविड- 19 महामारी के दौरान वेदांता ग्रुप (Vedanta) प्रमुख पर्यावरण नियमों को कमजोर करने के लिए ‘गुप्त’ लॉबिंग के पीछे था.

 पब्लिश हुई OCCRP की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने बिना पब्लिक कंसल्टेशन के ही खनन से जुड़े बदलावों को मंजूरी दे दी. रिपोर्ट का दावा है कि एक्सपर्ट्स के अनुसार, बदलावों को अवैध तरीके से लागू किया गया था.

खनन उत्पादन को बढ़ाने के लिए पैरवी

ओसीसीआरपी ने कहा कि जनवरी 2021 में वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने पूर्व पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से कहा था कि सरकार, खनन कंपनियों को नई पर्यावरणीय मंजूरी के बिना उत्पादन को 50 प्रति तक बढ़ाने की अनुमति दे सकती है.

अग्रवाल के पत्र भी रिकार्ड्स में हैं शामिल ओसीसीआरपी ने दावा किया कि उसने इंफॉर्मेशन रिक्वेस्ट की स्वतंत्रता का इस्तेमाल कर प्राप्त किए गए हजारों भारतीय सरकारी दस्तावेजों का विश्लेषण किया है. इन दस्तावेजों में इंटरनल ज्ञापनों और बंद दरवाजे में हुई मीटिंग के मिनट्स, यहां तक कि वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल के पत्र भी रिकॉर्ड्स में शामिल हैं.

अडानी ग्रुप पर निशाना

इससे पहले OCCRP ने गौतम अडानी के अगुवाई वाले अडानी ग्रुप पर निशाना साधा था। एक रिपोर्ट में उसने दावा किया था कि अडानी ग्रुप ने गुपचुप तरीके से खुद अपने शेयर खरीदकर स्टॉक एक्सचेंज में लाखों डॉलर का निवेश किया। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है लेकिन इस कारण गुरुवार को अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है। इससे ग्रुप के मार्केट कैप में करीब 40 हजार करोड़ रुपए की गिरावट आई है। गौतम अडानी भी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 20वें से 22वें स्थान पर फिसल गए हैं।