मनोज उपाध्याय, मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले की बेटी नंदनी अग्रवाल ने देश और एक बार फिर जिले का नाम रोशन किया है। नंदनी ने गिनीज बुग ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज किया है। साथ ही विश्व की सबसे युवा महिला चार्टर्ड एकाउंटेंट होने का खिताब भी अपने नाम किया है। वहीं भाई सचिन ने भी साल 2021 में सीए की परीक्षा में ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल की।
चंबल अंचल में जहां बेटियों को श्राप की तरह माना जाता रहा है। वहीं अब यहां की बेटियां अंचल का नाम दुनियाभर में रोशन कर रही है। जिसके कारण अब यह धारण बदल रही है। जिले की नंदनी ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया है और विश्व की सबसे युवा महिला चार्टर्ड एकाउंटेंट होने का खिताब भी अपने नाम किया है।
नंदनी के पिता नरेश अग्रवाल ने बताया कि वह प्रारंभिक परीक्षा मुरैना विक्टर कॉन्वेंट स्कूल से हुई। जहां नंदनी ने साल 2021 में सीए की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की थी। उन्होंने आगे बताया कि नंदनी हमेशा जल्दबाजी में रहती थी, दो क्लास जंप करते हुए मात्र 13 साल की उम्र में 10वीं की परीक्षा पास कर ली। फिर 15 की उम्र में 12वीं और मात्र 19 साल की उम्र में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला।
नंदनी मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के जीवाजी गंज मे निवासी करती है। नंदनी की उम्र 19 साल की थी जब उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। नंदनी के पिता वकील है और मां हाउस वाइफ है। जानकारी के लिए बता दें कि नंदनी के दो भाई बहन है। भाई का नाम सचिन अग्रवाल है सचिन ने भी साल 2021 में सीए की परीक्षा में ऑल इंडिया 18 वीं रैंक हासिल की थी।
पिता ने आगे बताया कि मैं भाई-बहन की कंप्टीशन मे समर्थन करता था। यह दोनों भाई बहन विक्टर कॉन्वेंट स्कूल के पूर्व छात्र है। दोनों भाई बहन ने साल 2017 में 12 वीं की बोर्ड परीक्षा में संयुक्त रूप से जिले में 94.50% अंक प्राप्त कर टॉप किया था।
नरेश अग्रवाल ने बताया कि नंदनी का भाई सचिन उससे दो क्लास आगे था जिसके कारण नंदनी ने दो क्लास जंप कर 10 वीं की परीक्षा दी और दोनों एक ही क्लास में आ गए। शिक्षक मनोज बंसल ने बताया कि यह दोनों भाई बहन साथ में ही पढ़ते थे और नंदनी बेहद मेहनती है।
सचिन करते थे मदद-नंदनी
नंदनी ने बताया की सफलता में उनके भाई का भी अहम रोल है। जब उन्हें मॉक टेस्ट में खराब अंक मिलते थे तो सचिन उसकी मदद करता था। भाई के समर्थन ने भी जादू की तरह काम किया है। नंदनी ने आगे कहा कि सचिन और वे हमेशा प्रैक्टिस करते रहते थे। वहीं मॉक टेस्ट के परिणामों के बारे में नहीं सोचने के लिए बोलते थे।
35 लाख के पैकेज में हुआ चयन
शिक्षक मनोज बंसल ने बताया कि फिलहाल नंदनी मुंबई एक कंपनी में 35 लाख सालाना के पैकेज पर काम कर रही है। वहीं अंचल का नाम रोशन करने पर नंदनी और उनके भाई को सम्मानित भी किया गया है।
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