भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कई इलाकों में सूखे का आलम है। लगभग एक महीने से पानी नहीं गिरा है, जिससे फसलें सूख रही हैं। तेज धूप से खेतों में दरारें पड़ रहीं हैं। इस कारण किसान चिंतित व परेशान हैं। इस बीच सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को ही बड़ी बैठक बुलाई है। चित्रकूट से भोपाल वापस आकर सीएम अल्प वर्षा से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।

सीएस, एसीएस सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव रहेंगे उपस्थित

बैठक में प्रमुख सचिव- मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव-किसान कल्याण एवं कृषि विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव, ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव, सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव, जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास के प्रमुख सचिव, नर्मदा घाटी विकास के प्रमुख सचिव, उद्यानकी एवं खाद्य संस्करण विभाग के प्रमुख सचिव बैठक में मौजूद रहेंगे।

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बैठक में लिए जाएंगे महत्वपूर्ण निर्णय

बैठक के दौरान प्रदेश के जिलों में वर्षा की स्थिति, प्रदेश के बांधों में जल की स्थिति, बिजली आपूर्ति, पेयजल की व्यवस्था सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी। साथ ही अल्प वर्षा से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिये जाएंगे।

सीएम बोले- चिंता करने की कोई बात नहीं

सतना के चित्रकूट में बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा के आगाज कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पिछले एक महीने से पानी नहीं गिरा है। इससे किसान चिंतित हैं, लेकिन फिक्र मत करना। हम सब आपको इस विपत्ति से मुक्त कराएंगे।

कल महाकाल मंदिर में सीएम करेंगे पूजा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कल उज्जैन जाएंगे और अच्छी वर्षा के लिए महाकाल मंदिर में विशेष अनुष्ठान करेंगे। साथ ही सीएम शिव अभिषेक भी करेंगे।

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वहीं कमलनाथ ने कहा, प्रदेश में इस बार भीषण सूखे की स्थिति बन रही है। प्रदेश के अधिकांश हिस्से में कम वर्षा हुई है। जलाशयों में पानी पूरी तरह से नहीं भर पाया है। फसलें सूख रही हैं। प्रदेश की अधिकांश किसान आबादी इससे सीधी प्रभावित हो रही है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि वह उत्सव मोड से बाहर आएं और तत्काल सर्वे कार्य शुरू कर किसानों को राहत देने की व्यवस्था शुरू करें। कल मुख्यमंत्री का जो बयान सामने आया, वह चुनौती का सामना करने से अधिक आपदा को अवसर में बदलने की चालबाजी जैसा प्रतीत हुआ। प्रदेश की जनता ने पूर्व में भी देखा है कि शिवराज सरकार आपदा को अपने हित में अवसर में बदल लेती है और जनता के लिए संत्रास पैदा करती है।

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