कोरबा- आज छत्तीसगढ़ कितना बदला है. इसका एक उदाहरण देखिए जब मैं प्रदेश भर में घूम-घूम कर मोबाइल फोन का वितरण कर रहा हूं, तो जहां जाता हूं, वहां से मेरे पास फोन आने लगते हैं, मैं रायपुर पहुंचता हूं, इससे पहले प्रदेश के कई हिस्सों से मेरे मोबाइल नंबर पर फोन आ जाता है. ऐसा ही फोन मेरे पास आया था. मुझसे कहा कि मैं मंगलिन बाई बोलत रहेव, अभी त नाती ह फोन लगा के दे हे. मे ह आशीर्वाद देबर फोन करे रहेव…..
दरअसल यह वाक्या सुनाया है सूबे के मुखिया डाॅ.रमन सिंह ने. कोरबा में स्काई योजना के तहत स्मार्टफोन का वितरण करने पहुंचे रमन ने कहा कि यह एक सपना था उस बुजुर्ग महिला के लिए भी और मेरे लिए भी कि एक योजना ने सैकड़ों-हजारों किलोमीटर की दूरी घटा दी है. मुख्यमंत्री से सीधे बात करने का अवसर मिल रहा है. तो बतौर मुख्यमंत्री मुझे भी सीधे लोगों से जुड़ने का. हम दोनों का सपना एक साथ पूरा किया है स्काई योजना ने. आने वाले 90 दिनों के भीतर प्रदेश के हर हाथ में स्मार्टफोन होगा. इस योजना के जरिए छत्तीसगढ़ को यदि नए युग में प्रवेश कराने का काम किसी सरकार ने किया है, तो वह बीजेपी सरकार ही है.
डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि- मोबाइल आपके जीवन में बड़ा परिवर्तन लाएगा, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक मोबाइल नहीं था. आज जो स्मार्टफोन डाॅ.रमन के पास है, सांसद-विधायकों और महापौर के पास हैं, वैसा ही स्मार्टफोन ग्रामीणों के हाथों होगा. यह स्मार्टफोन सिर्फ एक फोन नहीं है, बल्कि एक कंप्यूटर की भूमिका इसकी है. इसके जरिए हम पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं, बिजली का बिल पटा सकते हैं. फिल्म जाना है तो टिकट बुक कर सकते हैं, देश-दुनिया की खबरों से जुड़ सकते हैं, किसान मोबाइल के जरिए मौसम की जानकारी ले सकता है. सरकार की सभी जानकारी इस मोबाइल फोन पर ही मौजूद है. इससे बड़ा परिवर्तन आएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि- पहले ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं थी, लेकिन अब स्काई योजना के तहत 1600 टाॅवर लगाकर कनेक्टिविटी को बेहतर कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि- छत्तीसगढ़ को एक नए युग में प्रवेश कराने का काम बीजेपी सरकार ने किया है. मोदी जी ने गरीबों को लेकर सोचने काम काम किया. कभी कल्पना नहीं की थी किसी ने भी. छत्तीसगढ़ में 20 लाख से ज्यादा महिलाओं को गैस कनेक्शन मिल चुका है. इससे पहले कभी मजदूरों को देखा नहीं गया, पूछा नहीं किया. कभी गरीब-मजदूरों के लिए योजनाएं नहीं बनाई गई. लेकिन आज हर स्तर पर योजना बनाई गई है. आप सब देश में परिवर्तन के भागीदार हैं. उन्होंने कहा कि-छत्तीसगढ़ के 7 लाख 40 हजार परिवारों में बिजली नहीं पहुंची थी. आने वाले चार महीनों के बाद एक-एक पारे, टोले, मंजरा विद्युतविहीन नहीं होगा.
डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि- मुख्यमंत्री रहते मैं लगातार दस साल प्रयास करता रहा कि जिस क्षेत्र में खनिज हैं, जहां लोग प्रदूषण का कष्ट झेलते हैं, उस क्षेत्र के लोगों को विकास में प्राथमिकता मिलनी चाहिए. डीएमएफ में 30 फीसदी हिस्सा उस क्षेत्र के लोगों के विकास के लिए मिलना चाहिए.  मैं प्रयास करता रहा, लेकिन संभव नहीं हुआ. मोदी जी ने आते साथ ही यह बड़ा काम किया. आज डीएमएफ के जरिए लोकल एऱिया डेवलपमेंट में 30 फीसदी राशि खर्च की जा रही है. कोरबा जिले को अब किसी पर आश्रित होने की जरूरत नहीं है. कोरबा के आदिवासी बच्चों, गरीब बच्चों, एसटी-एससी बच्चों के लिए एजुकेशन हब साकार नहीं हो सकता था. आज यह साकार हुआ है , तो डीएमएफ फंड के जरिए. दंतेवाड़ा के जावंगा से बड़ा एजुकेशन हब कोरबा में तैयार हो रहा है. कोरबा में सीपेट की स्वीकृति मिल गई है. डायरेक्ट रोजगार मिलता है. राष्ट्रीय स्तर का इंस्टीट्यूट होता है. इसे खोलने की वजह थी हमारे पास क्योंकि डीएमएफ में हमारे पास पैसा था.
भाषण के दौरान मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह विपक्ष पर भी जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि- हमारे विपक्ष के बंधु हर सभा में नारे लगा थे कि 2100 रूपए धान का समर्थन मूल्य देना होगा. प्रधानमंत्री की सिर्फ एक घोषणा से उत्साह का वातावरण बन गया. समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 200 रूपए कर दिया गया. समर्थन मूल्य, बोनस सब मिलाकर आज धान की कीमत 2050 रूपए प्रति क्विटल हो गई है. जब मैं वन क्षेत्र में जाता था, तो तेंदूपत्ता की बात होती थी. जब मैं सीएम बना था तब तेंदूपत्ता का रेट 540 रूपए प्रति मानक बोरा था, जो आज 2050 रूपए हो गया है. यही है छत्तीसगढ़ सरकार की सोच और इसे क्रियान्वित करने का काम हमने किया है. बेहतर तरक्की करने की दिशा में हम और सफल होंगे.
हम छत्तीसगढ़ में केवल रायपुर, कोरबा, भिलाई, दुर्ग का ही विकास नहीं कर रहे हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी विकास को तरजीह दे रहे हैं. प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति आते हैं, तो आदिवासी इलाका देखकर जाते हैं. विकास की यही परिकल्पना है कि वनवासी क्षेत्र के बच्चे डाॅक्टर, इंजीनियर बने, आईएएस-आईपीएस बने. 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बड़ा निर्णय़ लिया है.  कृषण जीवन ज्योति योजना के तहत हमने तय किया है कि एक पंप ही नहीं यदि किसान के पास दो-तीन पंप है, तो इसके लिए भी फ्लेट रेट में बिजली का बिल पटाने की सुविधा दी है. उन्होंने कहा कि दो दिन पहले राज्य के कर्मचारियों के लिए सातवें वेतनमान के एरियर्स दिए जाने का फैसला लिया गया था. 18 महीने का एरियर्स का भुगतान छह किस्तों में किया जाएगा. 3 हजार 300 करोड़ का भुगतान छह किस्तों में किया जाएगा. हमने एक अप्रैल 2016 से सीधी भर्ती के पदों में चार स्तरीय वेतनमान देने का निर्णय़ किया है. संविदा महिला कर्मचारियों को 180 दिन का अवकाश सवैतनिक देने का निर्णय़ किया है. अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधानों में छूट देकर दस फीसदी के नियमों में डेढ़ माह की छूट दी है. नाई समाज के लिए अलग से बोर्ड बनाने का निर्णय़ लिया है. पुलिस कर्मियों के लिए भी कई अहम निर्णय़ लिए गए हैं.
रमन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद एक बड़े लक्ष्य को लेकर यात्रा शुरू की. यात्रा में सबसे बड़ी प्राथमिकता थी कि 50-60 साल से जो पीड़ा जनता भुगत रही थी, उसक पीड़ा से जनता को मुक्त किया जाए. इस पीड़ा से मुक्त करने का काम सरकार ने किया है. सभी गरीब वर्गों को ध्यान में रखकर योजना बनाई. चावल की योजनाबनाई तो 55 लाख लोगों को लाभ मिलता है. इलाज की सुविदा दी थी सभी वर्गों को लाभ मिलता है. स्काई योजना बनाई तो 50 लाख लोगों को मोबाइल का लाभ मिलता है. कोई ऐसा क्षेत्र नहीं बचा है, जहां विकास को गति नहीं मिली. मोदी जी ने जो काम किया है, इसे स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. गरीब आदमी बीमार पड़ता है, तो सब बिक जाता है. लेकिन मोदी सरकार ने एक नई योजना आय़ुष्मान भारत बनाकर इतिहास रचा है. 5 लाख रूपए तक के इलाज की व्यवस्था सरकार करने जा रही है. छत्तीसगढ़ के लोगों के जीवन में क्या परिवर्तन आया. हम 2003 में कहां खड़े थे, और आज हम कहां पहुंच गए हैं. एक बुजुर्ग महिला ने कहा कि 50-60 साल तक कच्चे मकान में जीवन काट दिया, अंधेरे में जीवन काटा, आज प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिल गया, सौभाग्य योजना के तह बिजली मिल गई, शौचालय मिल लगया और आज फोन भी मिल गया. एक गरीब व्यक्ति के जीवन में इससे बड़ी बात क्या हो सकती है.