राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनावी माहौल के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज अच्छी बारिश के लिए विशेष पूजा करने उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने प्रदेशवासियों से परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना करने की अपील की। सीएम ने कहा गांव-शहरों में परंपरा के अनुसार प्रार्थना करें, सच्चे दिल से की गई प्रार्थना सुनी जाती है।

प्रदेश में इस बार बारिश काफी कम हुई, जिसके चलते किसानों को समस्या बढ़ गई है। वहीं मध्य प्रदेश के वासियों से सीएम शिवराज ने परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना करने की अपील की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि गांव-शहरों में परंपरा के अनुसार प्रार्थना करें।

महाकाल की शरण में सीएम शिवराज: महारुद्र अनुष्ठान में हुए शामिल, प्रदेश में अच्छी बारिश के लिए की विशेष पूजा

उन्होंने कहा भगवान कृपा करते हैं। अच्छी वर्षा के लिए प्रदेशवासी भगवान की पूजा-अर्चना करें। मैंने प्रदेश सरकार की ओर से आज पूजा-अर्चना की है। यह पूजा मैंने अच्छी वर्षा और फसलें बचाने के लिए महाकाल महाराज की पूजा की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फसलें बचाने के लिए जलाशयों से पानी छोड़ा जा रहा है।

बिजली खरीदेगी सरकार

इसके अलावा सीएम शिवराज ने बिजली खरीदने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि इन दिनों आठ से नौ हजार मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ती थी। अभी 15 हजार मेगावाट बिजली की मांग है। पंप-टयूबवेल और गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी है। उन्होंने आगे कहा जहां से बिजली मिलेगी वहां से ली जाएगी, लेकिन बिजली की कमी नहीं आने देंगे।

आपको बता दें कि CM शिवराज सोमवार को उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने प्रदेश में अच्छी बारिश के लिए विशेष पूजा की। उन्होंने भगवान महाकाल के दर्शन पूजन कर बारिश के लिए कामना की है। भगवान महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन में उत्तम जल वृष्टि की कामना, जनकल्याण के लिए महारुद्र अनुष्ठान का आयोजन किया गया। महारुद्र अनुष्ठान के अंतर्गत सबसे पहले सीएम ने भगवान श्री महाकालेश्वर जी का पंचामृत पूजन किया।

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इसके बाद उत्तम जल वृष्टि की कामना के संकल्प के साथ महारुद्र अनुष्ठान पंडित घनश्याम शर्मा, शासकीय पुजारी मंदिर के आचार्यत्व में श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों व 66 ब्राह्मणों के माध्यम से बाबा महाकाल के सम्मुख नंदी मण्डपम् किया गगा।

महारूद्र अनुष्ठान सुबह 8 बजे से हुआ शुरू

यह अनुष्ठान 66 ब्राह्मणों के माध्यम से किया। इस महारुद्र अनुष्ठान में 1331 रूद्र पाठ किए गए। वर्तमान में श्रावण भादौ मास प्रचलित है। श्रावण भादौ मास में महारुद्र अनुष्ठान का अत्यधिक महत्व है। भगवान शिव जल प्रिय है, इस हेतु महारुद्र अनुष्ठान में दूध, जल के मिश्रण की सतत् धारा से भगवान का अभिषेक किया गया। अभिषेक के पश्चात भगवान की आरती कर अनुष्ठान पूर्ण हुआ।

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