धर्मेंद्र यादव, निवाड़ी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री रामराजा लोक का भूमिपूजन किया है। इसके साथ ही उन्होंने 300 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भगवान राम और उनकी भक्ति अद्भुत हैं।

सोमवार को CM शिवराज सिंह निवाड़ी जिले के ओरछा पहुंचे। जहां मुख्यमंत्री ने भव्य और अलौकिक ‘श्री रामराजा लोक’ की शिलान्यास किया। इस दौरान आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘’जग व्यापक श्री राम के दो निवास हैं खास, दिवस ओरछा रहत हैं, रैन अयोध्या वास’’ आज मध्यप्रदेश, बुंदेलखंड और ओरछा के सौभाग्य के सूर्य का उदय हो रहा है। क्योंकि ओरछा में श्री रामराजा लोक बनने की आधारशिला रखी गई है। सीएम ने 2 करोड़ की लागत से अछरू माता का भव्य मंदिर बनाए जाने की भी घोषणा की। उन्होंने यहां जल जीवन मिशन की परियोजना का लोकार्पण भी किया।

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मुख्यमंत्री शिवराज ने बताया कि यह एक अद्भुत लोक बन रहा है, 12 एकड़ में यह लोक बनेगा, जिसका भव्य प्रवेश द्वारा होगा, बालकांड और उत्तरकांड प्रांगण होगा एवं अन्य कई सुविधाएं होंगी। हमारा प्रयास है कि शीघ्र राम राजा लोक बनकर तैयार हो जाये। आपको बता दें कि योजना के तहत यहां 143 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य होंगे। यहां भव्य प्रवेश द्वार, प्रसादालय, कतार परिसर बनेगा, वहीं मंदिर परिसर के विकास के साथ दुकानों की पुर्नस्थापना और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। श्रीराम के बालस्वरूप थीम पर गलियारे और प्रांगण का विकास किया जाएगा। जन सुविधाओं के विकास के साथ ही अत्याधुनिक प्रकाश व्यवस्था की जाएगी।

बारिश के लिए श्री रामराजा सरकार से प्रार्थना

बारिश की कमी से बनी स्थिति का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सुबह भगवान महालाक से बारिश से प्रार्थना की है, वहीं श्री रामराजा सरकार से भी इस विकट स्थिति से निकालने की कामना की। उन्होंने कहा कि पानी नहीं आने से तालाब-बांध भरे नहीं है, पानी की बिजली बन नहीं पा रही है, बिजली की खपत बढ़ गई है, अब 10 हजार मेगावॉट की जगह 15 हजार मेगावॉट बिजली की जरूरत है।

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CM ने कहा कि मैं दिन और रात एक कर रहा हूं। जहां से मिलेगी, जैसे मिलेगी, मैं भरपूर बिजली लाने की कोशिश करूंगा, ताकि आपको फसल बचाने लायक बिजली दे सकूं। श्री चौहान ने कहा कि मेरे किसान भाइयों और बहनों, कितना भी बड़ा संकट आए, घबराना मत। भगवान की कृपा से मैं अल्पवर्षा के इस संकट से भी आपको निकाल कर ले जाऊंगा। उन्होंने कहा कि मेरे किसान भाइयों, मैं भगवान से यही प्रार्थना करता हूं कि कर दो बारिश मेरे भगवान रामराजा, ताकि किसानों की फसलों को नई जिंदगी मिल जाए।

जानिए ओरछा में भगवान रामराजा मंदिर के निर्माण की कहानी

मुख्यमंत्री शिवराज ने कार्यक्रम में ओरछा में रामराजा सरकार के मंदिर निर्माण की कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि तात्कालीन समय में ओरछा के राजा मधुकर शाह भगवान श्रीकृष्ण के भक्त थे, जबकि उनकी पत्नी गणोशकुंवरी भगवान श्रीराम की उपासना करती थीं। वे हमेशा रानी को भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करने को कहा करते थे, लेकिन रानी तो श्रीराम का ही नाम जपते रहती थीं। एक बार उन्होंने यह मन बना लिया कि वे ओरछा में भगवान श्रीराम की स्थापना करेंगी। इसके लिए उन्होंने अयोध्या जाकर उपासना करने का मन बनाया। एक दिन वे राजा को बिना बताए, अयोध्या के लिए निकल गईं।

अयोध्या के लिए प्रस्थान करने से पहले उन्होंने अपने नौकरों को यह आदेश दिया कि वे चतुभरुज मंदिर का निर्माण करवाएं, जहां भगवान श्रीराम की स्थापना की जाएगी। अयोध्या पहुंचने के बाद रानी ने राम मंदिर में भगवान श्रीराम के लिए कई दिनों तक उपवास रखा। उनकी इस भक्ति को देखकर भगवान श्रीराम उनके सामने प्रकट हुए। इसके बाद रानी ने उन्हें अपने साथ ओरछा जाने का आग्रह किया। भगवान श्रीराम तैयार हो गए, लेकिन इसके लिए उन्होंने रानी के सामने तीन शर्ते रखीं।

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  1. भगवान श्रीराम ने कहा कि वे ओरछा बाल रूप में जाएंगे।
  2. ओरछा पहुंचने के बाद वहां न कोई राजा होगा और न कोई रानी।
  3. उनकी स्थापना पुरुष नक्षत्र में होगी।

रानी ने भगवान श्रीराम की सभी शर्ते मान लीं। रानी जब श्रीराम के बालरूप के साथ ओरछा पहुंचीं, तब राजा ने धूमधाम से उनका स्वागत करने का मन बनाया। लेकिन रानी ने सभी को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद वे श्रीराम के बालरूप के साथ महल में गईं। अगले दिन जब उन्होंने भगवान राम को चतुभरुज मंदिर में स्थापित करने का शुभ मुहूर्त बनाया, तब भगवान राम ने कहा कि वे मां का दामन छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। इसके बाद वे महल से बाहर नहीं गए और उनकी स्थापना वहीं हो गई। इसके बाद से रानी का वही महल मंदिर के रूप में विख्यात हो गया, जो आज राम राजा मंदिर के नाम से विश्व विख्यात है।

ऐसा रहेगा रामराजा लोक

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