रायपुर. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई है. मंदिरों को सजाने का काम किया जा रहा है. बाजारों में दुकानें सज चुकी हैं. भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल के वस्त्र, आभूषण व झूला आदि की खरीदारी शुरू हो गई है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर को मनाई जाएगी. लड्डू गोपाल को सजाने के लिए बाजारों में खूब खरीददारी हो रही है.
बाजार में कपड़े दुकान पर लड्डू गोपाल के कपड़े, झूले सहित इस बार कास्ट कला और मिट्टी से बने मूर्तियां भी कृष्ण भक्तों को अपनी और आकर्षित कर रही है, जिसमें श्रीकृष्ण जन्म, माखन चुराने, ग्वालों के साथ गाय चराने, बांसुरी बजाते कृष्ण, गोवर्धन पर्वत उठाए कृष्ण, राधा के साथ कृष्ण जैसी परम्परागत लीलाएं झांकी के लिए सबसे ज्यादा पसंद की जा रही हैं. छोटी बड़ी झांकी लड़की के ही बने छोटे और बड़े झूलों की भी डिमांड काफी अधिक हैं.
बच्चों की कृष्णजी वाली पोशाक
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आने में अब महज दो ही दिन बाकी हैं, ऐसे में शहर के बाजार जन्माष्टमी पर बिकने वाली सामग्री से सज गए हैं. स्थाई दुकानों के साथ ही ठेलों पर लड्डू गोपाल की मूर्ति, पालना, बांसुरी व छोटे-छोटे कपड़े बिकने लगे हैं।पोशाक व मूर्तियों के विक्रेता संजय कुमार ने बताया कि राधा कृष्ण की मूर्तियों के साथ पोशाक, बच्चों की कृष्ण जी वाली पोशाक, फैंसी झूला, मोर पंख, बांसुरी बिक्री के लिए मंगाया गया है. बच्चों के लिए आई खास पोशाक में बहुत सुंदर हैंडमेड कढ़ाई की गई हैैै, वह बच्चों के लिए खरीद सकते हैैं. दुकानदारों ने कहा इस बार अच्छे कारोबार की उम्मीद है। लोगों में काफी उत्साह है. बुधवार को जिले में धूमधाम से जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा.
बाजार से गायब है चीन का सामान और मूर्तियां
राजधानी सहित अन्य बाजारों में कन्हैया को सजाने के लिए तरह तरह के सामान उपलब्ध हैं. दुकानदारों ने बताया कि इस साल घरों में सजने वाली झांकी के सामानों में जहां हर साल चीन के सामानों का बोलबाला रहता था, वहीं इस साल चीन का सामान बाजार से पूरी तरह गायब है. लोग देश में बनी चीजों को ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं. इस बार ग्राहक खिलौनों से लेकर सिंहासन और झूले भी देश के कारीगरों द्वारा बनाए गए ही ले रहे हैं.
लुभा रहा लडडू गोपाल का शयनकक्ष
जन्माष्टमी पर लडडू गोपाल को विश्राम के लिए पलंग और मच्छरदानी लगा हुआ शयनकक्ष भी लोगों को लुभा रहा है. लकड़ी के पलंग पर भगवान का बिस्तर लगा हुआ है और इसके चारों ओर मच्छरदानी लगी है. इसकी कीमत 100 से 250 रुपये है. वहीं, पीतल और लकड़ी के झूले और सिंहासन भी मौजूद हैं.
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