मनोज उपाध्याय, मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा के रसील पुर गांव के प्राथमिक विद्यालय में छात्रों को ना ही पानी मिल पा रहा है, और ना ही स्व सहायता समूह द्वारा बनाए जाने वाला भोजन। छात्रों ने बताया कि स्कूल में जो खाना आता है वह पानी की तरह आता है, जो बच्चे खाते भी नहीं है। कई बार शिकायत की गई लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।
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छात्रों ने बताया कि स्कूल में शिक्षक एक भी दिन नहीं पढ़ाते है। तंबाकू खाकर वापस घर चले जाते हैं। वहीं छात्रों के परिजन ने बताया की रसलपुर गांव दलितों का गांव है, जिसमें शिक्षक छुआछूत के आधार पर छात्रों के साथ दुर्व्यवहार और भेदभाव करते है। बच्चों की एक भी दिन क्लास नहीं लेते। बच्चे बैठ बैठ कर घर चले जाते हैं।
बताया जा रहा है कि स्कूल में कुल 6 सदस्य पदस्थ है। 6 शिक्षकों में से प्रतिदिन दो शिक्षक स्कूल में उपस्थित होते हैं। जो आते भी है, वो तंबाकू खाकर वापस लौट जाते हैं। स्कूल में पानी पीने की व्यवस्था नहीं है। छात्र घर से पानी लेकर आते हैं कई छात्र स्कूल से घर जाकर पानी पीते हैं।
वहीं इस मामले में अपर कलेक्टर सी बी प्रसाद ने कहां की शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अवगत कराकर जल्द से जल्द शिक्षकों पर कार्रवाई कराई जाएगी और पानी की भी व्यवस्था छात्रों के लिए की जाएगी।
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