डेंगू की चपेट में आने वाले मरीजों में टाइफाइड की भी पुष्टि हो रही है. अस्पतालों में डेंगू के उपचार के लिए आने वाले मरीजों में तेज बुखार, उल्टी, सिरदर्द, शरीर पर चकत्ते के लक्षण देखे जा रहे हैं. साथ ही आपात स्थिति में कुछ ऐसे मरीज भी पहुंच रहे हैं, जिनमें प्लेटलेट्स की कमी व रक्तस्राव देखने को मिल रहा है.
राहत भरी बात यह है कि अस्पतालों में उपचार के लिए भर्ती मरीजों की संख्या फिलहाल कम है. लोकनायक अस्पताल की उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रितु सक्सेना ने बताया कि उनके यहां डेंगू से पीड़ित 12 मरीज भर्ती हैं, जबकि सात मरीज ऐसे हैं, जिनमें अभी डेंगू की पुष्टि नहीं हुई है. डेंगू के साथ मरीजों में टाइफाइड और मलेरिया के लक्षण भी दिख रहे हैं. उधर, स्वामी दयानंद अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आनंद प्रकाश ने बताया कि अस्पताल में डेंगू का एक संदिग्ध मरीज भर्ती है, जिसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है.
दस हजार से कम प्लेटलेट्स पर भर्ती होने की जरूरत
विशेषज्ञों की मानें तो प्लेटलेट्स का कम होना डेंगू नहीं होता. इसके लिए एनएस1 एंटीजन टेस्ट कराना जरूरी है. अक्सर लोग डेंगू सीजन में बुखार होने पर प्लेटलेट्स की जांच कराने लगते हैं, जो गलत है. बुखार में दवाओं के सेवन से भी प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं. दस हजार प्लेटलेट्स होने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है. वहीं, दिल्ली सरकार ने डेंगू को लेकर अस्पतालों को पांच फीसदी बेड आरक्षित करने को कहा है.