Animal Husbandry Incentive Scheme. उत्तर प्रदेश के गौपालकों की आय बढ़ाने, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और देशी नस्ल की गायों के प्रति उनका रुझान बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना शुरू की है. इस संबंध में एक सरकारी आदेश भी जारी किया गया है, जिसमें योजना से संबंधित प्रोत्साहन राशि, पात्रता, मानक, उद्देश्य और योजना की प्रकृति को स्पष्ट किया गया है.

सरकारी आदेश के मुताबिक यह योजना देशी नस्ल की गाय की पहली, दूसरी और तीसरी डिलीवरी पर लागू होगी. एक पशुपालक को अधिकतम दो देशी नस्ल की गायों के नस्ल सुधार और दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि के लिए प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. इस राशि को दो भागों में बांटा गया है, जिसमें पशुपालकों को प्रोत्साहन के तौर पर दस और 15 हजार रुपये दिये जायेंगे.

देशी गायों की नस्ल सुधार एवं बेहतर देखभाल हेतु योजना लागू

दुग्ध आयुक्त एवं मिशन निदेशक शशि भूषण सुशील ने कहा कि देशी गायों की नस्ल सुधार, बेहतर देखभाल, गुणवत्तापूर्ण पोषण एवं स्वास्थ्य के प्रति पशुपालकों में जागरूकता की कमी के कारण प्रदेश में देशी गायों की पर्याप्त संख्या होने के बावजूद दुग्ध उत्पादकता बहुत कम है. उनका योगदान अपेक्षित नहीं है.

ऐसे में मुख्यमंत्री ने नंद बाबा मिल्क मिशन के तहत राज्य के पशुपालकों को उच्च उत्पादकता और गुणवत्ता वाली देशी नस्ल की गायों (गिर, साहीवाल, हरियाणा, गंगातीरी और थारपारकर) के पालन के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सुधार किया है. उनकी नस्ल और उनकी बेहतर देखभाल करें. प्रगतिशील पशुपालन प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की गई. इसके तहत पशुपालकों को नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देने की व्यवस्था की गई है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना के तहत योगी सरकार दस से पंद्रह हजार रुपये तक प्रोत्साहन राशि दे रही है. इस रकम को दो हिस्सों में बांटा गया है. इसमें अगर साहीवाल, गिर और थारपार्क गायें प्रतिदिन 8 से 12 किलो दूध देती हैं तो 10,000 रुपये प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएंगे और यदि 12 किलो से अधिक दूध देती हैं तो 15,000 रुपये प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएंगे.

इसी प्रकार, यदि हरियाणा की गाय प्रतिदिन 6 से दस किलो दूध देती है, तो दस हजार रुपये दिए जाएंगे और यदि दस किलो से अधिक दूध देती है, तो पंद्रह हजार रुपये दिए जाएंगे. इसके अलावा यदि गंगाथिरी गाय प्रतिदिन 6 से 8 किलो दूध देती है तो 10,000 रुपये और 8 किलो से अधिक दूध देने पर पंद्रह हजार रुपये दिए जाएंगे.

देशी नस्ल की गाय के जीवनकाल में आप केवल एक बार ही योजना का लाभ उठा सकेंगे. मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालन प्रोत्साहन योजना देशी नस्ल की गायों के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय ब्यांत पर लागू होगी. राज्य के प्रगतिशील पशुपालक अधिकतम 2 गायों पर इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. पशुपालक अधिक उत्पादकता के लिए गाय के जीवनकाल में केवल एक बार ही योजना का लाभ उठा सकेंगे.

योजना का उद्देश्य राज्य में दुग्ध उत्पादकता को बढ़ाकर राज्य के पशुपालकों की आय में वृद्धि करना है. साथ ही राज्य में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता को बढ़ाकर राष्ट्रीय स्तर पर लाना है. फर्म, समूह और संगठन योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे. यह योजना केवल व्यक्तिगत लाभार्थियों के लिए है.

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