डॉ. वैभव बेमेतरिहा
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव-2023 में सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है. दोनों ही पार्टियों में एक से बढ़कर एक दिग्गज नेता शामिल हैं. लेकिन इस पिपोर्ट में बात उन 10 चेहरों की जिनके आस-पास ये पूरा चुनाव केंद्रित रहेगा. 10 चेहरों में कांग्रेस के 5 और भाजपा के 5 चेहरे शामिल हैं. सबसे पहले बात सत्ताधारी दल कांग्रेस के टॉप-5 चेहरों की.
- कुमारी सैलजा- छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी
कांग्रेस की पृष्ठभूमि को जड़ से समझने वाली तेज-तर्रार और जुझारू नेता हैं. दिल्ली के करीब हरियाणा से आती हैं. छत्तीसगढ़ में प्रभारी बनने के बाद से सत्ता और संगठन के बीच समन्वय स्थापित करने में जुटी हैं. कई बार की सांसद और केंद्रीय मंत्री रही हैं. गांधी परिवार में विश्वसनीय हैं. दिल्ली से लेकर प्रदेश की रणनीतिक निर्णयों में अहम भूमिका हैं. कुमारी सैलजा के आने के बाद छत्तीसगढ़ संगठन के साथ ही मंत्रिमंडल में बदलाव हुए हैं.
- भूपेश बघेल- मुख्यमंत्री, छग
ठेठ छत्तीसगढ़िया छवि के नेता. किसान परिवार और पिछड़ा वर्ग से आते हैं. कुर्मी समाज में सबसे ताकतवर चेहरा हैं. तीन दशकों से अधिक राजनीतिक अनुभव है. 5 बार के विधायक हैं. दो बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे. 15 साल बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी कराने का श्रेय है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ खुलकर बोलने वाले देशभर के नेताओं में एक नेता हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के बीच मजबूत पकड़ है. गांधी परिवार के विश्वसनीय नेताओं में से एक हैं. छत्तीसगढ़ गांव-गरीब, किसान, मजदूर वर्ग के बीच देसी नेता के तौर पर लोकप्रिय हैं. कांग्रेस के चुनावी अभियान में भूपेश है तो भरोसा है और कका अभी जिंदा हे जैसे नारों की गूंज है.
- टी. एस. सिंहदेव- उपमुख्यमंत्री
महराजा होने के बाद भी सौम्य और विनम्र नेता के तौर पर छवि है. उत्तर छत्तीसगढ़( सरगुजा संभाग) के सीटों पर व्यापक जनाधार वाले नेता हैं. बिलासपुर के कुछ सीटों पर भी मजबूत पकड़ है. बीते चुनाव में घोषणा-पत्र समिति के संयोजक रहे. लंबा राजनीतिक अनुभव है. तीन बार के विधायक है. विधानसभा में नेता-प्रतिपक्ष रहे हैं. राष्ट्रीय नेतृत्व के बीच मजबूत पकड़. केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य हैं. प्रत्याशी चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
- डॉ. चरण दास महंत- विधानसभा अध्यक्ष
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पंथ ‘कबीर पंथ’ से आने वाले नेता हैं. अविभाजित मध्यप्रदेश में गृहमंत्री रह चुके हैं. 5 दशक से अधिक का लंबा राजनीतिक अनुभव है. मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे हैं. कई बार के विधायक और सांसद रहे. बिलासपुर संभाग की सीटों पर प्रभावशील हैं. दिल्ली में गांधी परिवार के करीबी हैं.
- दीपक बैज- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
आदिवासी वर्ग से आने वाले तेज-तर्रार युवा नेता हैं. दो दशक से अधिक समय का राजनीतिक अनुभव है. दो बार के विधायक और सांसद हैं. मुख्यमंत्री बघेल के साथ दिल्ली में पार्टी नेताओं के चेहते हैं. बस्तर संभाग के बाद अब पूरे छत्तीसगढ़ में चिर-परिचित चेहरा हैं. टिकट वितरण में अहम भूमिका निभाएंगे.
कांग्रेस में इन टॉप-5 चेहरों के साथ गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, जो कि साहू समाज से आने वाले बड़े नेताओं में से एक हैं. कांग्रेस के ओबीसी ईकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं. उनकी भूमिका भी इस चुनाव में अहम हैं. वहीं भूपेश बघेल के दो सबसे विश्वसनीय मंत्री रविन्द्र चौबे और मोहम्मद अकबर की भूमिका भी अहम है. अकबर घोषणा-पत्र समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं.
कांग्रेस के बाद अब भाजपा के वो दिग्गज चेहरे कौन-कौन हैं ये भी जान लीजिए
- ओम प्रकाश माथुर- छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी
छत्तीसगढ़ में प्रभारी बनने के बाद से पूरी तरह सक्रिय हैं. भाजपा के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक माने जाते हैं. मोदी और शाह के सबसे विश्वसनीय हैं. यूपी चुनाव में भाजपा की दोबारा सत्ता वापसी में रणनीतिकार रहे. गुजरात और महाराष्ट्र के प्रभारी रह चुके हैं. मूल रूप से राजस्थान से आते हैं. चुनावों में शत-प्रतिशत की जीत की गारंटी माने जाते है.
- डॉ. रमन सिंह- पूर्व मुख्यमंत्री, छग
सौम्य और विनम्र छवि के नेता के तौर पर पहचान है. 4 दशकों का लंबा राजनीतिक अनुभव है. पार्षद से लेकर केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री तक रहे. सांसद रहे.
5 बार के विधायक हैं. मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद हुए छत्तीसगढ़ के पहले चुनाव
में भाजपा की सरकार बनाने के मुख्य नायक. राष्ट्रीय नेतृत्व के बीच मजबूत पकड़. पार्टी संगठन में जे.पी नड्डा के बाद दूसरे नंबर के नेता. वर्तमान में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं.
- अरुण साव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
मुख्य रूप से संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले नेता हैं. किसान परिवार से हैं. पेशे से वकील हैं. पहली बार के सांसद हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ में सबसे बड़े समाज ‘साहू समाज’
से आते हैं. विनम्र और मिलनसार नेता हैं. राजनीतिक अनुभव कम है. लेकिन बतौर प्रदेश अध्यक्ष समूचे छत्तीसगढ़ में अब पहचाने जाने लगे हैं.
- नारायण चंदेल, नेता प्रतिपक्ष
बिलासपुर संभाग से आने वाले चिर-परिचित नेता हैं. 4 दशक का लंबा राजनीतिक अनुभव है. तीन बार के विधायक हैं. विधानसभा उपाध्यक्ष रहे हैं. सामाजिक समीकरणों में प्रभावकारी कुर्मी समाज से आते हैं. पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं. वर्तमान में नेता-प्रतिपक्ष हैं. बिलासपुर संभाग को जीताने की जिम्मेदारी रहेगी.
- विजय बघेल, संयोजक, घोषणा-पत्र समिति
विजय बघेल भाजपा में घोषणा-पत्र समिति के संयोजक बनाए जाने के बाद 2023 के चुनाव में बड़ी भूमिका में हैं. पिछड़ा वर्ग के मजबूत नेता के तौर पर पहचान है. सामाजिक समीकरणों फिट बैठते हैं और कुर्मी समाज से आते हैं. एक बार के विधायक और सांसद है. दो दशक का राजनीतिक अनुभव है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पाटन से चुनाव हरा चुके हैं. पारिवारिक रिश्तेदारी में भूपेश बघेल के भतीजे हैं.
वहीं भाजपा में इन टॉप-5 चेहरों के बाद संकटमोचक माने जाने वाले वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल, बस्तर संभाग से आने वाले प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप और सरगुजा संभाग से आने वाली केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह भी अहम भूमिका को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता.
छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें