International Literacy Day 2023: पंकज तिवारी, रायपुर। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day) हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है. साक्षरता के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस दिन को मनाते हैं. अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस अक्षरों की अलख जगाने का दिन है, अक्षर ज्ञान की महत्ता बताने का दिन है. अशिक्षित पालकों को शिक्षित करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों को शिक्षित कर सकें. इसी को समझते हुए प्रदेश सरकार कई योजनाएं चल रही है.

यूडाइस के जारी आंकड़े के अनुसार

छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने शिक्षा से स्तर को सुधारने की दिशा में तेजी से काम किया है. जिसका नतीजा है कि यूडाइस के जारी आंकड़े के अनुसार प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाई बीच में छोड़ने (ड्रॉप आउट) वाले छात्रों की संख्या राष्ट्रीय दर की तुलना में बेहतर हुई है. छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018-19 में छत्तीसगढ़ का ड्रॉप आउट रेट प्राथमिक स्तर के लिए 3.4 प्रतिशत, उच्च प्राथमिक के लिए, 7 प्रतिशत और उच्चतर माध्यमिक के लिए 19.8 प्रतिशत था. वहीं 2021-22 के लिए जारी आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ का ड्रॉप आउट रेट तेजी से कम हुआ है.

ड्रॉप आउट की संख्या तेजी से घाटी (International Literacy Day 2023)

प्राथमिक स्तर के लिए यह दर 0.8 प्रतिशत, उच्च प्राथमिक के लिए, 4.1 प्रतिशत और उच्चतर माध्यमिक के लिए 9.7 प्रतिशत है, जबकि पूरे भारत के लिए प्राथमिक स्तर पर यह दर 1.5 प्रतिशत, उच्च प्राथमिक पर 3 प्रतिशत और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर 12.6 प्रतिशत है. इससे पता चलता है कि छत्तीसगढ़ में पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या तेजी से कम हुई है.

पड़ोसी राज्य की तुलना में शिक्षा का स्तर उठा ऊंचा

पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से तुलना में छत्तीसगढ़ में पढ़ाई छोड़ने वाले विद्यार्थियों की दर बहुत कम है. मध्यप्रदेश का ड्रॉप आउट रेट प्राथमिक स्तर के लिए जहां 3.1 प्रतिशत है. वहीं छत्तीसगढ़ में यह दर 0.8 प्रतिशत है. मध्यप्रदेश में ड्रॉप आउट रेट उच्च प्राथमिक के लिए 8.8 प्रतिशत और उच्चतर माध्यमिक के लिए 10.1 प्रतिशत है, जो कि छत्तीसगढ़ की तुलना में अधिक है. वर्ष 2021-22 के लिए जारी भारत सरकार के डेटा के अनुसार उच्चतर माध्यमिक स्तर पर सर्वाधिक ड्रॉप आउट की दर ओड़िसा में 27.3 प्रतिशत इसके बाद बिहार में 21.7 प्रतिशत दर्ज की गई है.

प्रदेश को मिले बेहतर शिक्षा के लिए अवार्ड (International Literacy Day 2023)

प्रदेश में पढ़ाई-लिखाई का बेहतर माहौल देने के लिए स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है. स्वामी आत्मानंद स्कूलों के खुलने से राज्य में शिक्षा के प्रति फिर से रुझान बढ़ा है और प्रत्येक वर्ग के लोग अपने बच्चों को इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं. बालवाड़ी योजना के तहत 5 हजार 1 सौ 73 बालवाड़ी की शुरुआत की गई है. स्कूल शिक्षा में निरंतर बेहतरी के प्रयासों के लिए छत्तीसगढ़ को कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है. आंगन म शिक्षा पहल के लिए छत्तीसगढ़ को 2022 का स्कॉच अवार्ड प्रदान किया गया था. इसी तरह नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग को राष्ट्रीय स्तर के एमबिलीयंथ अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.

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