अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्य प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी की वजह से ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप का कारोबार फल फूल रहा है। झोलाछाप गंभीर बीमारियों में लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शहडोल जिले के अंतिम छोर ब्यौहारी से सामने आया है। जहां पापौंध निपनिया में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के नाम पर उनके ही पैतृक गांव में झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम भोले भाले लोगों का इलाज कर रहे हैं। यह सब फर्जीवाड़ा खुद CMHO के नाम पर चल रहा है।
इस बात का खुलासा तब हुआ जब ब्यौहारी विधानसभा के पपौंध निपनिया प्राथमिक अस्पताल के ठीक बगल से सरकारी उप स्वास्थ्य केंद्र का बोर्ड लगाकर फर्जी डॉक्टर मरीजों का उपचार करते मिला। मामले की सूचना स्थानीय लोगों ने तत्काल CMHO डॉक्टर आरएस पांडेय को दी, लेकिन उन्होंने अपने खुद के गांव में चल रहे फर्जीवाड़े के इस मामले को दबा दिया। पापौंध निपनिया क्षेत्र में लगभग 2 दर्जन से ज्यादा झोलझाप डॉक्टर खुलेआम अपनी क्लीनिक चला रहे हैं। इनमें कुछ मेडिकल स्टोर के नाम में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं तो कुछ अवैध क्लीनिक के नाम मेडिकल की दुकान चला रहे हैं।
अवैध क्लीनिक
निपनिया प्राथमिक अस्पताल से लगभग 100 मीटर दूर मुख्य मार्ग पर ही एक सरकारी कार्यालय उप स्वास्थ्य केंद्र का बोर्ड लगा हुआ है। उस बोर्ड के ठीक बगल से सरकारी आवास बने हैं, जिनमें बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के सरकारी कर्मचारी रहते हैं। बोर्ड के आसपास कोई सरकारी उप स्वास्थ्य केंद्र केंद्र नहीं है लेकिन एक निजी भवन पर पांडेय नाम का व्यक्ति अवैध क्लीनिक संचालित कर रहा है।
दवाइयों का भी अवैध भंडारण
सरकारी प्राथमिक अस्पताल के ठीक बगल से संचालित इस फर्जी क्लीनिक में स्थानीय लोगों की भीड़ लगी हुई थी, पांडेय नाम का व्यक्ति खुद को ग्रामीणों के बीच डॉक्टर बताता है। वहां 2 बिस्तर भी लगाए गए हैं। मरीजों को बॉटल लगाने के साथ साथ चीर फाड़ और टांका लगाने का काम भी खुलेआम किया जाता है। इस फर्जी क्लीनिक में भारी मात्रा में दवाइयों का भी अवैध भंडारण है।
महिला स्वीपर के भरोसे अस्पताल
CMHO के गांव में जो प्राथमिक अस्पताल बनाया गया है वह एक महिला स्वीपर के भरोसे चल रहा है। वहां कोई डॉक्टर पदस्थ नहीं है। 2 नर्स की तैनाती की गई है। एक कंपाउंडर पदस्थ हैं, जो लोगों का इलाज कर रहे हैं। वहीं नर्स डिलेवरी का मुख्य काम करती हैं। ग्रामीणों ने बताया कि अभी कुछ दिनों से अस्पताल में ज्यादा समय स्वीपर दीदी ही रहती हैं। जो मरीज आते हैं उन्हें प्राथमिक अस्पताल से फर्जी उप स्वास्थ्य केंद्र की ओर भेज दिया जाता है।
CMHO ने दी सफाई
वहीं इस मामले में CMHO आरएस पांडेय ने सफाई देते हुए कहा कि डॉक्टर की कमी के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई होगी। मैंने कल ही हेल्थ कमिश्नर को डॉक्टर की कमी के लिए पत्र लिखा है। सीएमएचओ ने इस मामले की जांच कराने की बात भी कही है।
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