RPF Latest News: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के एक RPF SI को सस्पेंड किया गया है. जिसके बाद उन्होंने इतना तनाव ले लिया कि उनको सीने में दर्द के बाद हॉस्पिटलाइज किया गया है, जहां उनकी एंजियोप्लास्टि होने की खबर है. विभाग में जो बातें आपस में हो रही है वह ये है कि एक पैंट्रीकार मैनेजर ने RPF सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड करवा दिया, लेकिन ये अधूरा सच है.

 अब ये विभाग के लिए जांच का विषय है कि एक एसआई को सस्पेंड किया गया, लेकिन उसे ये भी नहीं बताया गया कि उसे सस्पेंड क्यों किया गया है ? इतना ही नहीं खबर तो यहां तक है कि एसआई के हॉस्पिटलाइज होने के बाद भी उस थाने के बड़े अधिकारी से लेकर मंडल और जोन स्तर के किसी भी अधिकारी ने उनकी पूछ-परख नहीं ली है.

क्या है पूरा मामला ?

नागपुर रेल मंडल के एक एसआई को विभाग ने ये कहते हुए सस्पेंड किया कि उन्होंने अपना कर्तव्य अच्छे तरीके से नहीं निभाया. अब ये कर्तव्य क्या था ये सस्पेंशन ऑर्डर में स्पष्ट नहीं किया गया है. लेकिन जो कयास विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है वह ये है कि एक ट्रेन की पेंट्रीकार में उक्त एसआई ने सिलेंडर जब्त किया. जब ये पूरी कार्रवाई हुई तो वहां पेंट्रीकार का मैनेजर मौजूद नहीं था और चूंकि वहां ट्रेन भी महज 2-3 मिनट रूकती है इसलिए उन्होंने एक स्टॉफ को गिरफ्तार किया.

 लेकिन उच्च अधिकारियों को ये बात संभवतः नागवार गुजरी और उन्होंने एसआई को सस्पेंड कर दिया. संभवतः अधिकारियों को ऐसी उम्मीद थी कि एसआई को मैनेजर को गिरफ्तार करना था, जो उन्होंने नहीं किया.

मैनेजर को करते गिरफ्तार तो भी होते सस्पेंड ?

अब सवाल ये है कि यदि एसआई पेंट्रीकार के मैनेजर को गिरफ्तार करते और ट्रेन के हजारों यात्रियों को खाने-पीने में किसी भी प्रकार की समस्या होती, फिर इसकी शिकायत Twitter के माध्यम से होती और जांच के बाद विभाग संभवतः ये कहकर सस्पेंड कर सकता कि SI ने मैनेजर को अरेस्ट किया जिससे हजारों यात्रियों को परेशानी हुई, इसलिए उन्हें सस्पेंड किया जाता है! अब सवाल ये है कि आरपीएफ ने जो कार्रवाई की है उसमें स्टॉफ के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए थी ? मैनेजर के खिलाफ ? या तो वो कंपनी के खिलाफ जो अपने कर्मचारियों से रेलवे का ठेका लेने के बाद काम करवाती है.

हालांकि ये मात्र कयास है, लेकिन अधिकारी सस्पेंशन से इतने तनाव में है कि उन्हें हॉस्पिटलाइज होना पड़ा, जिसके बाद विभाग के किसी भी जिम्मेदार ने उनका हाल-चाल पूछने तक की जहमत नहीं उठाई है, जिससे एसआई का पूरा परिवार काफी परेशान भी है. पूरे विभाग में एसआई के ईमानदारी की भी चर्चा है और ये कहा जा रहा है कि ये उनकी ईमानदारी का फल सस्पेंशन के रूप में मिला है.

इस मामले में RPF नागपुर के कमांडेंट ने इसे विभागीय मामला बताया है और इसके अतिरिक्त उन्होंने कोई भी जानकारी नहीं दी.