बीडी शर्मा, दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह (Damoh) में धर्मांतरण (Religious Conversion) मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो (Priyank Kanoongo) ने ट्वीट कर सवाल उठाए हैं। उन्होंने दमोह की महिला बाल विकास की सहायक संचालक पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
एनसीपीसीआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि धर्मांतरण माफिया अजय लाल द्वारा अवैध रूप से चलाये जा रहे बाल भवन का लाइसेंस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने अगस्त में ही निरस्त कर दिया था।
इस आदेश का अनुपालन जिले के अधिकारी एक माह में भी नहीं कर सके हैं और एक अन्य मामले में बच्चे के यौन शोषण के आरोपी की मदद करने वाले अधिकारी शालिनी शर्मा पर मुकदमा दर्ज करने में दमोह पुलिस किंकर्तव्यविमूढ़ (दुविधा भरी स्थिति) बनी हुई है। यह लापरवाही आपराधिक है, अक्षम्य है।
आपको बता दें कि ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित आधार शिला संस्थान में नाबालिग से यौन शोषण का मामला सामने आया था। जिसे लेकर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई करते हुए बाल गृह की मान्यता निरस्त की थी।
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