आंध्र प्रदेश के तेलुगू देशक पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को 350 करोड़ के कथित कौशल विकास घोटाले मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. रविवार को उन्हें विजयवाड़ा की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत (ACB) में पेश किया गया, जहां जज ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत मंजूर कर ली. अब उन्हें राजमुंदरी जेल में रखा जाएगा. बता दें कि चंद्रबाबू नायडू को शनिवार तड़के सुबह गिरफ्तार किया गया था.

सुप्रीम कोर्ट के वकील सिद्धार्थ लूथरा और एक टीम के बीच करीब सात घंटे इस मामले को लेकर बहस चली. सिद्धार्थ लूथरा ने अदालत को बताया कि नायडू को झूठे केस में फंसाया गया है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के संदर्भ में कानूनी तकनीक का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि कोई ठोस आरोप नहीं है और अदालत से अभियोजन एजेंसी की रिमांड रिपोर्ट को खारिज करने का अनुरोध किया.

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू (Chandrababu Naidu) ने अपनी यात्रा के दौरान शुक्रवार को नंद्याल जिले के बनगनपल्ली में जनसभा को संबोधित किया था. सार्वजनिक संबोधन के बाद नायडू अपनी वैनिटी वैन में आराम कर रहे थे. इस दौरान शनिवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे आंध्र प्रदेश सीआईडी पूर्व सीएम को गिरफ्तार करने उनकी वैनिटी वैन में पहुंची. गिरफ्तारी के समय पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने वाहन को घेर लिया और सीआईडी को गिरफ्तार करने नहीं दिया.

इस बीच नेताओं और अधिकारियों के बीच तीखी बहस हुई. जिसके बाद चंद्र बाबू वैन से उतरे और पुलिस के साथ चर्चा की. पूर्व सीएम नायडू की गिरफ्तारी के लिए 51सीआरपीसी के तहत नोटिस जारी किया गया था. इइसपर जब उन्होंने डिटेल्स मांगी तो पुलिस ने यह कहते हुए विवरण देने से इनकार कर दिया है कि डिटेल्स अदालत के समक्ष पेश की गई है. पुलिस ने कहा कि मामले की विस्तृत जानकारी और रिमांड रिपोर्ट नायडू से पूछताछ के बाद दी जाएगी. जिसके बाद नायडू पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए सहमत हुए.

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