हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. इस समय भाद्रपद माह चल रहा है और इस माह की शिवरात्रि 13 सितंबर को है. मासिक शिवरात्रि के दिन व्रक रखा जाता है और शिव जी की पूजा की जाती है. भगवान भोलेनाथ को समर्पित ये तिथि शिव भक्तों के लिए बहुत खास होती है.

मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि पर विधि पूर्वक व्रत और पूजन करने से भगवान शिव अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं. साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. ऐसी मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन मध्यरात्रि में शिव जी और मां पार्वती की पूजा करने से भक्तों पर महादेव की कृपा बनी रहती है. ऐसे में चलिए जानते हैं मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि
और महत्व.

मासिक शिवरात्रि व्रत 2023 शुभ मुहूर्त

भाद्रपद माह की चतुर्दशी 13 सितंबर को देर रात 02 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 14 सितंबर को ब्रह्म बेला में 04 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगी. साधक 13 सितंबर को व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा आराधना कर सकते हैं.

मासिक शिवरात्रि व्रत पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि के दिन ब्रह्म बेला में उठकर सबसे पहले महादेव और माता पार्वती को प्रणाम करें. इसके पश्चात, घर की साफ-सफाई करें. दैनिक कार्यों से निवृत होने के पश्चात गंगजल युक्त पानी से स्नान करें. अब आचमन कर अपने आप को शुद्ध करें. तदोउपरांत, श्वेत वस्त्र का धारण कर भगवान भास्कर को जल का अर्घ्य दें. अब पूजा गृह में गंगाजल छिड़ककर निम्न मंत्र
से शिव पार्वती का आह्वान करें-

ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके.
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते.

कर्पूरगौरं करुणावतारम् संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् द्य
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि द्यद्य

इसके बाद एक चौकी पर वस्त्र बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. अब षोडशोपचार कर भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा विधि विधान पूर्वक करें. इस समय शिव और पार्वती चालीसा का पाठ करें. पूजा के अंत में आरती कर सुख-समृद्धि की कामना करें. साधक मनोवांधित फल की प्राप्ति हेतु व्रत रख सकते हैं. व्रत के दौरान दिन में
एक फल और एक बार मीठा जल ग्रहण कर सकते हैं. संध्याकाल में आरती कर फलाहार करें. साधक संध्याकाल में भजन कीर्तन कर सकते हैं. अगले दिन पूजा पाठ कर व्रत खोलें.

भाद्रपद शिवरात्रि महत्व

सभी देवी-देवताओं में शिव को श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है. हर महीने आने वाली मासिक शिवरात्रि का व्रत भी बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है. इस दिन शिव जी जिस पर प्रसन्न हो जाएं उसे जीवन में कभी कष्टों का सामना नहीं करना पड़ता. विवाह में आ रही रुकावटें दूर हो जाती है. वैवाहिक जीवन मे चल रहा तनाव खत्म होता है. संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है. खासबात ये है कि मासिक शिवरात्रि व्रत के प्रताप से ग्रहों की अशुभता दूर हो जाती है. शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती के दुष्प्रभाव कम होते हैं.