Rajasthan News: जयपुर. भारत के प्रथम हैरिटेज चम्बल रिवर फ्रंट का समारोहपूर्वक उद्घाटन मंगलवार को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने किया. उन्होंने नयापुरा बावड़ी घाट पर वैदिक मंत्रोच्चारण, राजस्थानी संगीत की धुनों, लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों के बीच लोकार्पण पट्टिका का अनावरण कर कोटावासियों को सौगात दी. समारोह में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, शिक्षा मंत्री डॉ. बीड़ी कल्ला, चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा सहित मंत्रिपरिषद के सदस्य, विभिन्न बोर्ड निगमों के अध्यक्ष, विधायकगण सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.

डॉ. जोशी ने राज्य सरकार के मंत्रियों और विधायकों के साथ फव्वारा घाट एवं कनक महल का भ्रमण, फाउंटेन शो, वृन्दावन गार्डन दशावतार भ्रमण किया. हाड़ौती घाट पर पन्नाधाय और हाड़ी रानी को श्रद्धांजलि अर्पित की. यहां 84 खम्बों की छतरी भी देखी. विश्वमैत्री घाट पर अतिथियों ने विश्व के प्रमुख देशों के स्मारकों के सामने राष्ट्रीय ध्वजों के साथ भारतीय तिरंगे का ध्वजारोहण किया. विश्व के सभी देशों के महापुरूषों के मुखोटों के साथ तैयार किए गए ग्लोब के सामने सामूहिक फोटोशूट भी हुआ. विश्वमैत्री घाट पर वसुधैव कुटुम्बकम्ब का संदेश दिया गया है, यहां सेना के बैगपाइपर बैंड द्वारा राष्ट्रीय धुन का बैंडवादन किया गया.

इन घाटों पर गए अतिथि

चम्बल माता घाट – वृंदावन गार्डन की तर्ज पर चम्बल माता घाट मय गार्डन विकसित किया गया है जिसमें खूबसूरत म्यूजिकल फाउण्टेन का निर्माण किया गया है. घाट पर 42 मीटर ऊंची वियतनाम मार्बल से निर्मित चम्बल माता की मूर्ति सुशोभित है. इसमें मुकुट महल भी जिसमें रिवर फ्रंट का विशाल मॉडल, संग्रहालय एवं व्यू पॉईंटस का निर्माण किया गया है.

गणेश पोल – इसमें दो विशालकाय महराबों पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित की गई है. फसाड़ को आगरा फोर्ट की तर्ज पर विकसित किया गया है, इसमें वीआईपी लाउंज बनाया गया है.

मरू घाट – इस घाट पर गन मेटल की छः ऊंटों की प्रतिमाओ को लगाया गया है. घाट व फसाड़ वॉल के बीच वीआईपी टेन्ट सिटी विकसित की गई है.

जंतर-मंतर घाट – इस घाट पर जोडिएक टॉवर का निर्माण किया गया है, जिसमें 12 राशि चक्रो सहित सूर्य यंत्र एवं राशि यंत्र का निर्माण किया गया है. फसाड़ पर विश्व प्रसिद्ध जयपुर की ब्ल्यू पॉट्री वर्क एवं ठीकरी कार्य किया गया है.

विश्व मैत्री घाट – इस घाट पर विशाल बैंक्वेट हॉल का निर्माण किया गया है, इसमें 10 मीटर व्यास के ग्लोब में सम्पूर्ण विश्व समाहित है. इसमें जी-20 देशों के झंडे स्थापित हैं. इस घाट की थीम वन वर्ल्ड वन ड्रीम पर आधारित है. इसके फसाड़ में 9 विश्व प्रसिद्ध इमारतों की प्रतिकृति बनाई गई हैं, वहां पर सम्बन्धित देशों के व्यजंनों का लुत्फ लिया जा सकेगा.

हाड़ौती घाट – फसाड़ में हाड़ौती की समृद्ध वास्तुशिल्प समाहित है, जिसमें बूंदी के तारागढ़ फोर्ट के मुख्य द्वार गणेश पोल, हाड़ी रानी एवं मॉ पन्नाधाय की गन मेटल की आदमकद मूर्तियां लगाई गई है, इसके अलावा 84 खम्बों की छतरी का निर्माण किया गया है.

महात्मा गांधी सेतु:- रामपुरा श्मशान पर पर्यटकों के आवागमन हेतु महात्मा गांधी सेतु का निर्माण किया गया है.

कनक महलः- इसमें 6 टावर्स बनाए गए हैं जिस पर बने डोम पर सुनहरी टाईल लगाई गई हैं. इसमें वाटर पार्क व रेस्टोरेंट भी हैं.

फव्वारा घाट:- इसमें खूबसूरत लगून मय सीढ़ियों के निर्माण किया गया है. इसमें विश्व स्तरीय लिनियर फाउन्टेन शो खास आकर्षण है. फसाड़ में व्यावसायिक दुकाने एवं फूड कोर्ट हैं.

रंगमंच घाट:- इसमें एम्फीथियेटर मय ग्रीनरूम निर्मित है एवं घाटों को पियानो की-बोर्ड के रूप में बनाया गया है.

साहित्य घाटः- साहित्य घाट में बांसवाड़ा मार्बल से खूबसूरत विशाल खुली किताब एवं पुस्तक महल का निर्माण किया गया है. फसाड़ में भूतल पर लाईब्रेरी एवं प्रथम तल पर कैफेटेरिया है.

उत्सव घाट:- इसमें बैंकेट हॉल, खूबसूरत छतरियाँ, केसकेड एवं स्टार फाउन्टेन का निर्माण किया गया है.

सिंह घाटः- इसमें बांसवाड़ा मार्बल से 9 सिंह बनाए गए हैं जिनका वजन लगभग 35 टन एवं आकार 15 फीट ऊंचा 11 फीट लम्बा एवं 6 फीट चौड़ा है. इसके मध्य रानी महल बनाया गया है, जिसमें फूड कोर्ट को विकसित किया गया है. फसाड़ में व्यावसायिक दुकाने बनाई गई हैं.

नयापुरा गार्डनः- रिवरफ्रंट के प्रवेश द्वार नयापुरा गार्डन में खूबसूरत बावड़ी एवं उद्यान का निर्माण किया गया है. पार्किग स्थल भी विकसित किया गया है.

लोक कलाकारों ने दी प्रस्तुतियां

उद्घाटन समारोह में प्रत्येक घाट पर प्रदेश की लोक कला को साकार करते हुए लोक कलाकारों ने भव्य प्रस्तुतियां दी. परम्परागत लोक वाद्य एवं नृत्य शैली में अतिथियों का स्वागत किया.

सबसे बड़ा नन्दी और बुलंद से ऊंचा दरवाजा

चम्बल रिवर फ्रंट पर विकास के साथ पर्यटन, रोजगार, पर्यावरण संरक्षण के साथ नदी के सौंदर्यकरण कार्य किए गए हैं. यहां दुनिया का सबसे बड़ा नन्दी भी बना है. बुलंद दरवाजे से ऊंचा दरवाजा है. राजपूताना घाट पर राजस्थान के 9 क्षेत्रों (शेखावटी, ढूंढाड़, मारवाड़, वागड़, मेवाड़, अहीरवाल, मेवात, गोरवाड़ व हाड़ौती) की वास्तुकला व संस्कृति दर्शनीय है. मुकुट महल में 80 फीट ऊंची छत तथा सिलिकॉन वैली भी है. साहित्यिक घाट पर पुस्तक, प्रसिद्ध लेखकों की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई है.

बढ़ेगा पर्यटन, बस्तियां बाढ़ मुक्त

कोटा में कोटा बैराज से नयापुरा पुलिया तक 2.75 किमी की लम्बाई में चम्बल नदी के दोनों तटों पर 1442 करोड़ रुपए की लागत से चम्बल रिवर फ्रन्ट विकसित किया गया है. इसके बनने से चम्बल नदी के किनारे बसी सभी बस्तियां बाढ़ से मुक्त हो चुकी है.

बने विश्व रिकॉर्ड

रिवर फ्रंट पर मंगलवार को तीन विश्व रिकॉर्ड भी बने. इनमें घंटी घाट पर विश्व की सबसे बड़ी घंटी बनाई गई है. इसकी आवाज 8 कि.मी दूर तक सुनी जा सकती है. जवाहर घाट पर पंडित जवाहर लाल नेहरू के फेस मास्क (सबसे बड़ा गन मेटल का मुखौटा), नन्दी घाट पर नटराज की मूर्ति और 225 फीट ऊंची चम्बल माता की संगमरमर मूर्ति का अनावरण कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया गया.

उद्घाटन समारोह में स्वायत्त शासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल, शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुन्तला रावत, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जाहिदा खान, श्रम राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई, जनजाति विकास राज्यमंत्री अर्जुन सिंह बामनिया सहित विभिन्न बोर्डों के अध्यक्ष, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी, राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत, बीसूका जिला उपाध्यक्ष रविन्द्र त्यागी सहित प्रदेश के गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे.

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