अब सिंचाई के लिए न तो आसमान की ओर ताकना पड़ता है और न ही विद्युत कनेक्शन का बाट जोहना पड़ता है. किसान अब आसानी से अपने खेतों की सिंचाई कार्य कर पा रहे हैं. योजना की शुरुआत से अब तक जिला महासमुंद के कुल 5230 किसानों को योजना का लाभ मिला है. सौर सुजला योजना लागू होने के बाद से किसान सोलर पंप के माध्यम से अपने खेतों के साथ जिंदगी में भी हरियाली बिखेर रहे हैं.

महासमुंद जिले के ग्राम ठेलकादादर की महिला किसान रेवती पटेल की तरह 5 हजार और अन्य किसानों ने सोलर पम्प स्थापित कर आर्थिक समृद्धि के द्वार खोले हैं. रेवती बताती हैं कि योजना के तहत वर्ष 2023-24 में विकासखण्ड-पिथौरा के ग्राम – ठेलकादादर में अपने खेत में 03 एच.पी. क्षमता का सोलर पंप स्थापित किया है. जिससे वे खेतों में सब्जी उत्पादन कर कम समय में लगभग 45000 रुपये का लाभ ले चुकी है. उन्होंने बताया कि वे बिजली के अभाव में जल स्त्रोत होते हुए भी कृषि कार्य नहीं कर पाती थी. या परंपरागत विद्युत कनेक्शन प्राप्त करने के लिए लाखों रुपये का व्यय होता था, अब इस योजना का लाभ लेकर अपने खेतों में विभिन्न प्रकार के फसलों का उत्पादन कर लाभ अर्जित कर रहें है.

650 सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य

कार्यपालन अभियंता क्रेडा ने बताया कि योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए इस योजना के तहत जिला महासमुंद को 650 नग सोलर पंप का लक्ष्य आबंटित किया गया है. जिसके विरूद्व जिले में अब तक 231 सोलर पंप स्थापित किया जा चुका है. 3 एच.पी. क्षमता के सोलर पम्प स्थापना के लिए सामान्य वर्ग के लिए 18 हजार, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 12 हजार, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 7-7 हजार रुपये लागत और हितग्राही अंश राशि का प्रावधान है. वहीं 5 एचपी पम्प स्थापना के लिए सामान्य वर्ग हितग्राहियों के लिए 20 हजार, अन्य पिछड़ा वर्ग 15 हजार, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हितग्राहियों के लिए 10 हजार रुपये अंशदान देना होता है. प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में एक रुपये प्रति वॉट की दर से अतिरिक्त देय होगा.

परम्परागत ऊर्जा आधारित परियोजनाओं का हो रहा क्रियान्वयन

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा), ऊर्जा विभाग छ.ग. शासन के अधीन राज्य सरकार की अधिकृत नोडल एजेन्सी है. जिसके माध्यम से राज्य में अनेक गैर परम्परागत ऊर्जा आधारित परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है. जिसके तहत सोलर रूफटॉप सौर संयंत्र, ऑन ग्रिड सौर संयंत्र, पेयजल के लिए सोलर ड्यूल पंप, कृषि प्रयोजन कार्य के लिए सोलर सिंचाई पंप के अलावा अनेक परियोजनाओं का क्रियान्वयन राज्य में किया जा रहा है. सौर सुजला योजना अंतर्गत राज्य के हर वर्ग के किसानों को कृषि प्रयोजनों के लिए सिंचाई कार्यों के लिये राज्य शासन द्वारा अत्यंत आकर्षक अनुदान और रियायती दरों पर सोलर पंप उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

वर्षा से खत्म हुई निर्भरता

सौर सुजला योजना ऐसे सभी किसानों जिनके पास जल स्त्रोत तो था, लेकिन बिजली कनेक्शन के अभाव में या तो डीजल या फिर अन्य महंगे ईंधन का उपयोग कर सिंचाई करते थे या सिंचाई के लिये सिर्फ वर्षा के जल पर आश्रित रहते थे. ऐसे किसानों के लिए ये योजना वरदान साबित हो रही है.

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