नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वह पटाखों की बिक्री के लिए अस्थायी लाइसेंस जारी न करे. अदालत गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर समेत विभिन्न स्थानों पर प्रदूषण पर लगाम लगाने को पटाखों पर प्रतिबंध लगाने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इसके साथ ही कोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया.

न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम.एम सुंदरेश ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि पिछले वर्षों में किस स्तर पर काम हुआ और क्या कोई अतिरिक्त निर्देश जारी करने की आवश्यकता है. हमने पाया है कि इस न्यायालय द्वारा समय-समय पर पारित विभिन्न आदेशों में अधिकांश पहलुओं का ध्यान रखा गया है.

पूर्ण प्रतिबंध समझा जाए सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि जब सरकार द्वारा कोई प्रतिबंध लगाया जाता है तो इसका मतलब पूर्ण प्रतिबंध होता है. बस यह सुनिश्चित करें कि दिल्ली पुलिस द्वारा पटाखों की बिक्री के लिए कोई अस्थायी लाइसेंस नहीं दिया जाए. किसी भी प्रकार का लाइसेंस देना हमारे आदेशों का उल्लंघन होगा.

केवल हरित पटाखे जलाने की अनुमति उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के 2018 के आदेश के बाद जब दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पारंपरिक पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, तब से बहुत काम किया गया है और केवल हरित पटाखे जलाने की अनुमति है.