नोएडा . सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण के एक-दो अधिकारी नहीं, पूरा तंत्र ही भ्रष्टाचार में डूबा है. मुआवजा वितरण में हुए फर्जीवाड़े की जांच यूपी सरकार द्वारा न कराए जाने पर भी कोर्ट ने नाराजगी जताई.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि हमारे विचार में यह प्राधिकरण के एक या दो अधिकारियों के कहने पर नहीं किया जा सकता है. प्रथम दृष्टया संपूर्ण नोएडा सेटअप इसमें शामिल होता प्रतीत हो रहा है.
शीर्ष अदालत इस मामले में एक विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही है. आरोप है कि भूमि मालिकों को गलत तरीके से करोड़ों का मुआवजा दे दिया गया.
इस प्रकरण में एफआईआर भी दर्ज हुई, लेकिन नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ कोई जांच नहीं की गई. पीठ ने कहा कि यह मामला कोई अकेली घटना नहीं है. विशेष अनुमति याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती दी गई थी. इस मामले की अगली सुनवाई पांच अक्तूबर को होगी.
यह है मामला
नोएडा प्राधिकरण के दो अफसरों और एक भूमि मालिक के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इनपर 7.26 करोड़ का मुआवजा गलत तरीके से देने का आरोप है.