Sports Desk. भारतीय खेल प्रशंसकों (Indian sports lovers) के लिए आगामी कुछ महीने बहुत व्यस्त होने वाला है. एशिया कप (Asia Cup 2023) के खत्म होने के बाद भारतीय टीम (Indian cricket team) अब एशियन गेम्स (Asian Games 2023) की तैयारी में जुट गई है. इस मल्टी स्पोर्ट्स इवेंट (Multi sports event) का आयोजन चीन के हांगझोऊ (Hangzhou, China) में 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक किया जाएगा. अक्सर, देखा जाता है कि खेल टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में जमकर आतिशबाजी (Fireworks) होती है, लेकिन आगामी एशियन गेम्स में इस पर रोक होगी. उद्घाटन समारोह के महानिदेशक जियाओलान (Sha Xiaolan) ने इस बात का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि हांगझोऊ में एशियन गेम्स का उद्घाटन समारोह आतिशबाजी प्रदर्शन की परंपरा को तोड़ देगा क्योंकि हम इस आयोजन की मेजबानी में हरित दर्शन पर कायम हैं.

जियाओलान ने कहा कि चूंकि हम जितना संभव हो सके कार्बन उत्सर्जन (Carbon emission) को कम करना चाहते हैं, इसलिए हमने आतिशबाजी के प्रदर्शन में कटौती करने का फैसला किया है. इसकी जगह ‘लोगों, सौंदर्य और भावनाओं’ की थीम को प्रदर्शित करने के लिए नई तकनीकों और दृश्य प्रभावों का उपयोग किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) के अपने दर्शन का प्रसार करना चाहते हैं और इसलिए हमने यह निर्णय लिया है.

बता दें कि, विश्व बैंक (World Bank) की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide) का 27 प्रतिशत और पूरी दुनिया का एक तिहाई ग्रीनहाउस गैसों (Green house gas) का उत्सर्जन करता है. रिपोर्ट के अनुसार, अनुमान है कि वर्ष 2060 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन तक पहुंचने के लिए चीन को अकेले बिजली और परिवहन क्षेत्रों में हरित बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी के लिए 14-17 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता है. पर्यावरण संरक्षण को लेकर चीन द्वारा उठाया गया कदम सराहनीय है. लेकिन, सिर्फ एशियन गेम्स में आतिशबाजी रोकने से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन पर काबू पाया जा सकता है, इसे लेकर विद्वानों के अलग-अलग मत हैं.

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