नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं के साथ-साथ दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने के लिए आज लोकसभा में ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पेश किया.

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने 128वां संशोधन विधेयक के तौर पर ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पेश किया. विधेयक पेश करते हुए उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण प्रदान करना है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विधेयक पारित होने के बाद लोकसभा में महिलाओं के लिए सीटों की संख्या 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी.

कांग्रेस सांसद का विरोध

लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश किए जाने पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि कि 128वां संविधान संशोधन विधेयक, 2023 महिला आंदोलन के साथ विश्वासघात है. मूलतः इसका मतलब है कि 2029 से पहले कोई महिला आरक्षण विधेयक नहीं होगा. कमोबेश इसी तरह की भाषा राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी प्रयोग किया.