नई दिल्ली . बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर के फेवरेट डायलॉग ‘झकास’ का इस्तेमाल अब कोई उनकी अनुमति के बगैर नहीं कर सकता. अभिनेता ने इस पर रोक के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. बुधवार को कोर्ट ने उनकी सहमति के बिना उनके नाम, तस्वीर या आवाज और ‘झकास’ डायलॉग के इस्तेमाल पर रोक लगा दी.
अनिल कपूर ने याचिका में अलग-अलग संस्थाओं को बिना उनकी सहमति के उनका नाम, आवाज, प्रसिद्ध डायलॉग, तस्वीर और निक नेम का उपयोग करने पर रोक लगाने की मांग की थी. न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की पीठ ने अभिनेता की याचिका पर कई वेबसाइटों और प्लेटफार्मों के खिलाफ एकपक्षीय अंतरिम आदेश पारित किया, जिसमें व्यावसायिक उपयोग के लिए उनके व्यक्तित्व और सेलिब्रिटी अधिकारों के अनधिकृत शोषण का आरोप लगाया गया था.
व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता संरक्षित है, लेकिन यह तब अवैध होगा जब यह सीमा पार करता है. इसके परिणामस्वरूप व्यक्तिगत व्यक्तित्व अधिकारों को धूमिल और खतरे में डाला जाता है. उन्होंने कहा कि वादी के नाम, आवाज, संवाद, छवि का अवैध तरीके से उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, वह भी व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए. पीठ ने आदेश दिया कि प्रतिवादी 1 से 16 तक को वादी अनिल कपूर के नाम, समानता, आवाज या उनके व्यक्तित्व के किसी अन्य गुण का किसी भी तरह से मौद्रिक लाभ के लिए या अन्यथा उपयोग करने से रोका जाता है. साथ ही अन्य अज्ञात व्यक्तियों को भी आपत्तिजनक लिंक प्रसारित करने से रोका. पीठ ने संबंधित अधिकारियों को आपत्तिजनक प्लेटफार्मों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया.
कपूर की तरफ से पेश वकील प्रवीण आनंद ने कहा कि कई वेबसाइट और प्लेटफॉर्म उनके मुवक्किल और अभिनेता अनिल कपूर के व्यक्तित्व अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे हैं. कपूर के वकील ने माल की अनधिकृत बिक्री, एक प्रेरक वक्ता के रूप में उनकी तस्वीर का उपयोग करके शुल्क एकत्र करना, अपमानजनक तरीके से उनकी छवि बदलना, जाली ऑटोग्राफ आदि की ओर इशारा किया.