नई दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने घरेलू बचत में गिरावट को लेकर हो रही आलोचनाओं को गुरुवार को नकार दिया. मंत्रालय ने कहा कि लोगों ने निवेश के तरीके बदल दिए हैं. अब वे दूसरे वित्तीय उत्पादों में निवेश कर रहे हैं, संकट जैसी कोई बात नहीं है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि उपभोक्ताओं का रुझान अब विभिन्न वित्तीय उत्पादों की ओर है. यही कारण है कि घरेलू बचत कम हुई है.
आरबीआई के मासिक बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि शुद्ध घरेलू बचत वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद का 5.1 प्रतिशत रही जो पिछले 47 वर्षों का निचला स्तर है. इससे एक साल पहले यह 7.2 प्रतिशत थी. वहीं घरेलू क्षेत्र की सालाना वित्तीय देनदारी बढ़कर 5.8 प्रतिशत हो गई जो 2021-22 में 3.8 प्रतिशत थी.
भारतीयों ने कोरोना महामारी के बाद अपनी बचत का तरीका बदल डाला है. एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, अब लोग पहले की तरह वित्तीय बचत नहीं कर रहे बल्कि वे अपने पैसे को आवास, वाहन आदि में लगा रहे हैं.