नई दिल्ली. सर्वोच्च न्यायालय शुक्रवार को इस बात पर अपना फैसला सुनाएगी कि दीवाली सहित अन्य त्योहारों में पटाखे जलाने की इजाजत दी जाए या नहीं. शीर्ष अदालत यह भी तय करेगी कि यदि ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत दी जाए तो वह उसका बनाने का फार्मूला क्या हो.
हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय पिछले सप्ताह मामले की सुनवाई के दौरान साफ कर चुकी है, दिल्ली जैसे राज्य जहां पटाखे पर पूरी तरह से प्रतिबंध है यानी ग्रीन पटाखे भी जलाने की अनुमति नहीं है, उसमें अदालत किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी.
जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 14 सितंबर को इस मसले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पीठ ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि प्रतिबंध के बावजूद पटाखे जलाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने से समस्या का हल नहीं निकलेगा बल्कि आपको (पुलिस) पटाखों के श्रोत का पता लगाकर सख्त कार्रवाई करना होगा.
न्यायालय ने कहा था कि प्रतिबंध की अवहेलना का पटाखा जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई से कोई फायदा नहीं होगा बल्कि पहले ही कार्रवाई किए जाने की जरूरत है.